ब्रिटिश संसद ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर चिंता जताई

ब्रिटिश संसद ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर चिंता जताई

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  • Publish Date - December 3, 2024 / 08:39 PM IST,
    Updated On - December 3, 2024 / 08:39 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, तीन दिसंबर (भाषा) अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हाल के हमलों और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी पर ब्रिटिश सांसदों के चिंता जताने के बाद ब्रिटेन की सरकार बांग्लादेश में स्थिति पर नजर रख रही है। एक वरिष्ठ मंत्री ने यहां यह जानकारी दी।

लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर द्वारा सोमवार को ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में रखे गए एक तत्काल प्रश्न के दौरान, विदेश कार्यालय में हिंद प्रशांत क्षेत्र की प्रभारी मंत्री कैथरीन वेस्ट ने कहा कि पिछले महीने उनकी बांग्लादेश यात्रा के दौरान उन्हें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने आश्वासन दिया था कि अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सहायता उपलब्ध है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटेन,उन शुरुआती देशों में शामिल था जिसके मंत्री मुख्य सलाहकार प्रोफेसर यूनुस से बात करने के लिए ढाका गए थे और वह अल्पसंख्यकों के समर्थन में “मुखर” रहा।

वेस्ट ने कहा, “ हम एक प्रसिद्ध हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार के चिंता जताने वाले बयान से अवगत हैं। ब्रिटेन का विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) डेस्क उन घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है।”

मंत्री ने कहा, “ ब्रिटेन सरकार इस स्थिति पर नजर रखना जारी रखेगी तथा वह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ धर्म या आस्था की स्वतंत्रता के महत्व पर बातचीत करेगी, क्योंकि यह हिंदू समुदाय को प्रभावित करती है।”

भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव पांच अगस्त से ही जारी है, जब अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत चली गई थीं। पिछले हफ्ते दास की गिरफ्तारी के बाद स्थिति और भी बिगड़ गई।

बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण की विवादास्पद प्रणाली को लेकर हसीना की अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंदू समुदाय को नियमित रूप से हमलों का सामना करना पड़ा और उनके पूजा स्थलों को भी निशाना बनाया गया।

लंदन के ब्रेंट वेस्ट से सांसद गार्डिनर ने स्थिति को “स्पष्ट रूप से खतरनाक” बताया और “ब्रिटेन में बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ मजबूत संबंध रखने वाले बड़े हिंदू समुदाय” की ओर से चिंता जताई। ब्रेंट वेस्ट क्षेत्र में बड़ी संख्या में ब्रिटिश हिंदू रहते हैं।

‘छाया’ विदेश मंत्री एवं कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद प्रीति पटेल ने कहा कि हिंसा में वृद्धि ‘बेहद चिंताजनक’ है। उन्होंने कहा, “ हम अब कई जगहों पर अनियंत्रित हिंसा देख रहे हैं। हम बांग्लादेश में और अधिक हिंसा फैलते हुए देखकर भयभीत और स्तब्ध हैं। सदन में हम सभी की संवेदनाएं यहां के प्रवासी समुदाय और बांग्लादेश में प्रभावित लोगों के साथ हैं। ये बेहद परेशान करने वाली रिपोर्ट है।’

कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और ब्रिटिश हिंदुओं के लिए ‘सर्वदलीय संसदीय समूह’ (एपीपीजी) के अध्यक्ष बॉब ब्लैकमैन ने भी इस चिंता को दोहराया और कहा कि “हिंदू अपने घरों को जलाए जाने और अपनी दुकानों में तोड़फोड़ किए जाने का सामना कर रहे हैं।”

लंदन में हैरो ईस्ट से सांसद ब्लैकमैन ने कहा, “पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और मैं समझता हूं कि सप्ताहांत में दो और लोग गिरफ्तार किए गए हैं और 63 संतों को देश में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई है। स्पष्ट मुद्दा बांग्लादेश में हिंदुओं के जातीय सफाये का प्रयास है… हम न केवल धर्मपरायणता के शब्द सुनना चाहते हैं, बल्कि जो कुछ हो रहा है उसकी पूर्ण निंदा भी सुनना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके धर्म के कारण जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। लंदन के हैरो ईस्ट में भी बड़ी संख्या में ब्रिटिश हिंदू आबादी रहती है।

कई अन्य सांसदों ने अपने मतदाताओं की ओर से बांग्लादेश में रह रहे परिवारों के प्रति चिंता व्यक्त की। ब्रिटिश सिख एवं लेबर पार्टी के सांसद गुरिंदर सिंह जोसन ने जोर देकर कहा कि सभी समुदाय स्थिति से ‘स्तब्ध’ हैं।

भाषा नोमान संतोष

संतोष