ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री मोदी को जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया

ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री मोदी को जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया

ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री मोदी को जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: November 5, 2020 11:49 am IST

लंदन / नयी दिल्ली, पांच नवम्बर (भाषा) ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले महीने प्रस्तावित जलवायु शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है। ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

आगामी 12 दिसम्बर को प्रस्तावित ‘क्लाइमेट एम्बीशन समिट’ उन नेताओं को एक मंच उपलब्ध करायेगा जो राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों और नई घोषणाओं के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं।

ब्रिटिश उच्चायोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘लंदन में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में मंत्री फिलीप बार्टन के बीच बुधवार को एक बैठक के दौरान, ‘‘दिसम्बर में होने वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रण दिया गया।’’

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संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कोप26) पहले इसी महीने आयोजित होने वाला था। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण, इस कार्यक्रम को टाल दिया गया था।

श्रृंगला के साथ बैठक के बाद बार्टन ने कहा, ‘‘मेरे दिल में भारत का एक विशेष स्थान है और मैं जानता हूं कि दोनों देशों के बीच संबंध बनाने के महत्व को मैंने सबसे पहले समझा।’’

इस वर्ष अगस्त तक भारत में औपचारिक रूप से ब्रिटेन के उच्चायुक्त रहे बार्टन ने कहा, ‘‘श्रृंगला और मैं इस बात पर सहमत हुए कि ब्रिटेन-भारत की मजबूत साझेदारी दुनिया की बेहतरी के लिए एक ताकत होगी। अगले लगभग एक दशक में बड़ी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा जैसे कि जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सुरक्षा।’’

ब्रिटेन की राजनयिक और विकास सेवा के प्रमुख के रूप में अपना नया पद संभालने के बाद से यह किसी भी देश के साथ बार्टन की पहली उच्च स्तरीय बैठक थी।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि चर्चा इस बात पर केंद्रित रही कि ब्रिटेन और भारत अपनी साझा महत्वाकांक्षाओं पर कैसे काम करेंगे। भविष्य की प्राथमिकताओं में बढ़ते व्यापार, जलवायु परिवर्तन से निपटने, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और रक्षा शामिल हैं।

इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन और भारत ने उभरते वैश्विक सुरक्षा खतरों का आकलन समेत चुनौतियों और अवसरों की अगली पीढ़ी पर विचार साझा किए।

भाषा

देवेंद्र मनीषा

मनीषा


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