(अदिति खन्ना)
लंदन, सात नवंबर (भाषा) ब्रिटेन ने यूक्रेन के साथ रूस के युद्ध में महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की आपूर्ति को रोकने के लिए बृहस्पतिवार को रूस के सैन्य-औद्योगिक परिसर के खिलाफ 56 नए प्रतिबंध लगाए।
इसे पिछले साल मई के बाद से रूस के सैन्य संसाधन पर लक्षित सबसे बड़ा प्रतिबंध कहा जा रहा है।
नए प्रतिबंध के दायरे में रूस के सैन्य उत्पादन का सहयोग करने वाले आपूर्तिकर्ता, उप-सहारा अफ्रीका में सक्रिय रूस समर्थित भाड़े के सैनिक समूह तथा ब्रिटेन के सैलिसबरी शहर में नोविचोक नर्व एजेंट के प्रयोग में संलिप्त जीआरयू रूसी जासूस एजेंट शामिल हैं।
इस प्रतिबंध में चीन, तुर्किये और मध्य एशिया स्थित संस्थाओं को भी शामिल किया गया है, जो रूस के लिए आवश्यक मशीन उपकरण, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और ड्रोन के कलपुर्जों सहित वस्तुओं की आपूर्ति और उत्पादन में शामिल हैं।
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय सह आवास ‘क्रेमलिन’ से जुड़े भाड़े के तीन निजी समूहों को भी निशाना बनाया गया है, जिनमें अफ्रीका कोर तथा रूसी प्रॉक्सी से जुड़े 11 व्यक्ति भी शामिल हैं।
विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि इन पाबंदियों का ‘क्रेमलिन’ से सीधा संबंध है, जिन्होंने लीबिया, माली और मध्य अफ्रीकी गणराज्य में शांति और सुरक्षा को खतरा पहुंचाया है, तथा पूरे महाद्वीप में व्यापक मानवाधिकारों का हनन किया है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा, ‘‘आज के कदम क्रेमलिन की विनाशकारी विदेश नीति पर असर डालेंगे। ये अफ्रीका में अस्थिरता तथा पुतिन के सैन्य संसाधन के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति को बाधित करने के रूस के प्रयासों को कमजोर करेंगे। उन अवैध अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को भी नष्ट करेंगे, जिन्हें बनाने के लिए रूस ने इतनी मेहनत की है।’’
भाषा आशीष माधव
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