बिल्लियों और कुत्तों दोनों को ही खेलना पसंद, यह उनकी शिकारी प्रवृत्ति में निहित

बिल्लियों और कुत्तों दोनों को ही खेलना पसंद, यह उनकी शिकारी प्रवृत्ति में निहित

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  • Publish Date - September 5, 2024 / 06:25 PM IST,
    Updated On - September 5, 2024 / 06:25 PM IST

(मिकेल डेलगाडो और जूडिथ स्टेला, पर्ड्यू विश्वविद्यालय)

इंडियाना (अमेरिका), पांच सितंबर (द कन्वरसेशन) अक्सर आपने कुत्तों को गेंद या कोई अन्य वस्तु फेंके जाने पर उसे पकड़ने के लिये शौक से भागते हुए देखा होगा, इस खेल की शौकीन बिल्लियां भी होती हैं। शिकार और खेलने की उनकी बहुत अलग-अलग शैलियों के बावजूद, यह खेल दोनों प्रजातियों के लिए शिकारी और सामाजिक व्यवहार के तत्वों को जोड़ता हुआ प्रतीत होता है।

यद्यपि उनको पालतू बनाए जाने का इतिहास और प्राकृतिक व्यवहार बहुत भिन्न हैं, फिर भी बिल्लियों और कुत्तों में कई समानताएं हैं। दोनों प्रजातियां शिकारी हैं, मनुष्यों के साथ निकटता से रहती हैं तथा हमारे साथ समृद्ध सामाजिक अनुभवों का आनंद लेने में सक्षम हैं।

हमारे नए प्रकाशित अध्ययन में, हमने पाया कि हमारे सर्वेक्षण आंकड़े में वर्णित 40 प्रतिशत से अधिक बिल्लियां ‘फेच गेम’ (फेंकी गई चीजों को वापस लेकर आने का खेल) खेलती हैं, जबकि लगभग 80 प्रतिशत कुत्ते ऐसा करते हैं। हमने इस खेल में उनकी रुचि के कई संभावित कारणों को भी रेखांकित किया है, जिनमें खेल, पालतू बनाने के दौरान चयन, और सीखने के प्रभाव शामिल हैं।

अल्प शोध

हमारे शोध समूह ने इस पर तब ध्यान दिया जब ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने 2023 में एक अध्ययन प्रकाशित किया जिसमें बिल्लियों में (इस खेल के) आकर्षण की कुछ प्रमुख विशेषताओं का पता लगाया गया था। वैज्ञानिकों ने बिल्लियों के 924 मालिकों का सर्वेक्षण किया, और उन्होंने पाया कि बिल्लियां विभिन्न प्रकार की वस्तुएं खोज लेती हैं, जिनमें पालतू जानवरों के खिलौने और कागज की गेंदों से लेकर कलम, बोतल के ढक्कन और यहां तक ​​कि जूते भी शामिल हैं।

शायद सबसे अधिक दिलचस्प तथ्य यह था कि बिल्लियों को आमतौर पर कुछ लाने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया था – वे यह व्यवहार सहज रूप से करती थीं। बिल्लियां भी खिलौना लाने का खेल पसंद करती हैं और जब वे अपने मालिक के पास खिलौना लाती हैं, तब वे खेलने के लिए अधिक इच्छुक होती हैं, बजाय इसके कि आदमी खिलौना फेंके।

इस अध्ययन से पहले, बिल्लियों के इस खेल से जुड़े व्यवहार पर वैज्ञानिक ध्यान नहीं दिया गया था। लेकिन इस समीक्षा में क्योंकि केवल उन बिल्लियों के मालिकों का सर्वेक्षण किया गया था जो ऐसा करती थीं, इसलिए उन बिल्लियों के साथ तुलना करने का कोई तरीका नहीं था जो ऐसा नहीं करती थीं। हमने सोचा कि क्या बिल्लियों में ऐसा कुछ है जिसके कारण कुछ अन्य की तुलना में (फेंका गया) सामान लाने की अधिक संभावना होती है।

और कुत्तों के बारे में क्या?

कुत्तों और मनुष्यों के बीच खेल का सबसे आम तरीका है चीज लाना। कई कुत्तों को विशेष रूप से शिकार को ढूंढकर मानव शिकार में सहायता करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और पाला जाता है।

फ्लफी, गेंद लेकर आओ!

हमारे समूह ने पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता जेम्स सर्पेल के साथ मिलकर काम किया, जिन्होंने कुत्ते और बिल्ली के व्यवहार का आकलन करने के लिए दो सर्वेक्षण-आधारित उपकरण विकसित किए। सर्वेक्षण में प्रत्येक पशु की नस्ल, आयु और रहने के हालात के बारे में बुनियादी प्रश्न पूछे जाते हैं, इसके बाद उनके व्यवहार के बारे में दर्जनों प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनमें शिकारी व्यवहार, मनुष्यों के साथ मिलनसारिता, गतिविधि स्तर और भयभीत होना जैसे गुण शामिल होते हैं।

इन आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद हमने पाया कि बिल्लियों में सामान लाने की प्रवृत्ति हमारी अपेक्षा से कहीं ज्यादा आम है। 40 प्रतिशत से ज्यादा बिल्ली मालिकों के पास एक बिल्ली थी जो “कभी-कभी, आमतौर पर या हमेशा” सामान लाने की कोशिश करती थी। तुलना के लिए, हमने कुत्तों में इसके व्यवहार की व्यापकता का पहला अनुमान भी प्रदान किया। आंकड़ों में दर्शाए गए लगभग 78 प्रतिशत कुत्तों में फेंकी गयी गेंद या खिलौने का वापस लाने के व्यवहार की जानकारी दी गयी।

दिलचस्प बात यह है कि नर होने के कारण दोनों प्रजातियों में अधिक शिकार करने की प्रवृत्ति पाई गई। अधिक उम्र होने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण बिल्लियों या कुत्तों में शिकार करने की संभावना कम हो जाती है।

खिलौने वापस लेकर आने की क्षमता का संबंध गतिविधि स्तर से था: जो बिल्लियां दौड़ने, कूदने, घर में नयी वस्तुओं के साथ खेलने तथा अपने मालिकों के साथ खेलने की अधिक संभावना रखती थीं, उनमें लाने की क्षमता भी अधिक थी।

शिकार से लेकर खिलौने लाने के खेल तक

शिकार के व्यवहार की जड़ें दोनों प्रजातियों की शिकार प्रथाओं में निहित हैं। बिल्लियों को पीछा करने वाले शिकारी के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि वे अपने शिकार पर चुपके से हमला करती हैं और सही समय पर झपट पड़ती हैं। कुत्तों को शिकार का पीछा करने वाला शिकारी माना जाता है जो लंबी दूरी तक शिकार का पीछा करते हैं।

लेकिन कुत्ते और बिल्लियां दोनों ही शिकार की वस्तुओं को शिकार स्थल से दूर ले जाते हैं, जिससे आंशिक रूप से यह भी स्पष्ट हो सकता है कि शिकार को लाने जैसा व्यवहार कैसे उत्पन्न होता है। कुत्तों और बिल्लियों के बीच तमाम अंतरों के बावजूद, हमें यह अच्छी बात लगती है कि वे एक समान व्यवहार पर केंद्रित हो गए हैं – किसी चीज को लाना।

द कन्वरसेशन प्रशांत नरेश

नरेश