बीएनपी ने मतदान की न्यूनतम आयु घटाकर 17 साल करने के यूनुस की सिफारिश की आलोचना की

बीएनपी ने मतदान की न्यूनतम आयु घटाकर 17 साल करने के यूनुस की सिफारिश की आलोचना की

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  • Publish Date - December 28, 2024 / 05:52 PM IST,
    Updated On - December 28, 2024 / 05:52 PM IST

ढाका, 28 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की इस सिफारिश की शनिवार को आलोचना की कि मतदान की न्यूनतम आयु घटाकर 17 साल की जानी चाहिए। बीएनपी ने कहा कि इससे निर्वाचन आयोग पर दबाव पड़ेगा और चुनाव प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

‘द ढाका ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, अगस्त में शेख हसीना नीत सरकार के पतन के बाद अंतरिम सरकार के प्रमुख नियुक्त किए जाने वाले यूनुस (84) ने शुक्रवार को मतदान की न्यूनतम आयु घटाकर 17 साल किए जाने की सिफारिश की थी।

एक चुनाव संवाद में प्रसारित वीडियो मैसेज में यूनुस ने कहा था, “मुझे लगता है कि (युवा) अपने भविष्य के बारे में राय दे सकें, इसके लिए मतदान की न्यूनतम उम्र घटाकर 17 साल तय की जानी चाहिए।”

बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरूल इस्लाम आलमगीर ने ढाका में जातीय प्रेस क्लब में एक चर्चा के दौरान कहा कि मतदान की उम्र घटाकर 17 साल करने के मुख्य सलाहकार के सुझाव का मतलब है कि एक नयी मतदाता सूची तैयार करनी होगी।

उन्हें कहा, “अब लोगों को यह डर सताएगा कि और भी अधिक समय बर्बाद होगा तथा (चुनाव प्रक्रिया में) और देरी होगी।”

आलमगीर ने कहा कि लोगों के बीच यह धारणा है कि अंतरिम सरकार जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में देरी करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता हूं।”

बीएनपी नेता ने कहा कि मुख्य सलाहकार को हितधारकों से परामर्श किए बिना इस मुद्दे को नहीं उठाना चाहिए था।

उन्होंने कहा, “आप मुख्य कार्यकारी हैं और आपने कहा है कि 17 साल उपयुक्त आयु है। जब आप यह कहते हैं, तो यह निर्वाचन आयोग के लिए बाध्यकारी हो जाता है।”

आलमगीर ने कहा कि सरकार को यह मुद्दा निर्वाचन आयोग पर छोड़ देना चाहिए था, ताकि वह उचित फैसला ले सके।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश में मतदान के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष सभी को स्वीकार्य है।

बीएनपी नेता ने कहा, “अगर आप इसे एक साल कम करना चाहते हैं, तो नये निर्वाचन आयोग को इसका प्रस्ताव देने दें और राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करें।”

यूनुस ने 16 दिसंबर को ‘विजय दिवस’ पर अपने संबोधन के दौरान संकेत दिया था कि चुनाव 2026 की शुरुआत में हो सकते हैं।

उन्होंने कहा था, “मोटे तौर पर कहूं तो चुनाव 2025 के अंत और 2026 की पहली छमाही के बीच निर्धारित किया जा सकता है। मतदाता सूची को अद्यतन कर चुनाव कराया जाएगा।”

भाषा पारुल माधव

माधव