अरबपति मलेशियाई उद्यमी आनंद कृष्णन का 86 वर्ष की आयु में निधन |

अरबपति मलेशियाई उद्यमी आनंद कृष्णन का 86 वर्ष की आयु में निधन

अरबपति मलेशियाई उद्यमी आनंद कृष्णन का 86 वर्ष की आयु में निधन

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Modified Date: November 29, 2024 / 05:15 PM IST
Published Date: November 29, 2024 5:15 pm IST

कुआलालंपुर, 29 नवंबर (एपी) मलेशिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल दूरसंचार, मीडिया, पेट्रोलियम और रियल इस्टेट उद्यमी आनंद कृष्णन का निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे।

कृष्णन की निवेश कंपनी उसाहा टेगास ने बताया कि उनका बृहस्पतिवार को निधन हो गया और उनके परिवार ने लोगों से निजता का सम्मान करने का अनुरोध किया है। बयान में निधन का कारण नहीं बताया गया।

इसके अनुसार, ‘‘आनंद ने राष्ट्र निर्माण और कॉर्पोरेट जगत में बड़ा योगदान दिया है। उनके परोपकार के कार्यों ने कई लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया है।’’

फोर्ब्स पत्रिका ने आनंद को मलेशिया का छठा सबसे अमीर व्यक्ति बताया था जिनकी कुल संपदा 5.1 अरब डॉलर की है।

एक अप्रैल, 1938 को जन्मे आनंद ने हार्वड बिजनेस स्कूल से स्नातक की पढ़ाई की थी। उन्होंने तेल व्यापार से अपना करियर शुरू किया और फिर अन्य क्षेत्रों में भी व्यापार को बढ़ाया। दूरसंचार कंपनियों मैक्सिस, मीडिया कंपनी एस्ट्रो, उपग्रह सेवा कंपनी मीसेट और तेल सेवा प्रदाता कंपनी बूमी आर्मदा समेत अन्य कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी थी।

स्थानीय मीडिया के अनुसार आनंद ने 1980 और 1990 के दशकों में अपनी संपदा का विस्तार किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के करीबी थे।

राष्ट्रीय समाचार एजेंसी बरनामा ने शुक्रवार को अपनी खबर में बताया कि उन्होंने ही महाथिर को 88 मंजिला पेट्रोनस ट्विट टॉवर बनाने का विचार सुझाया था।

आनंद ने मलेशिया में शिक्षा, कला, खेल में दान देने के साथ अनेक मानवीय सहायता कार्य किए।

‘एज’ अखबार के अनुसार 2018 में भारतीय अधिकारियों ने उन्हें उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार घोटाले से जोड़ा था। भारत में उनके और उनके पूर्व सहायक राल्फ मार्शल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे, लेकिन न तो उन्हें गिरफ्तार किया गया और न ही आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित किया गया।

स्थानीय मीडिया के अनुसार आनंद इतने धनवान और सफल होने के बावजूद खबरों से दूर रहते थे। वह मलेशिया और फ्रांस के बीच यात्रा करते रहते थे। वह फ्रांस में ही अपनी पत्नी के साथ रहते थे।

आनंद का इकलौता बेटा थाइलैंड में बौद्ध भिक्षु है। उनकी दो बेटियां उनके कारोबार से नहीं जुड़ीं।

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने आनंद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘कॉर्पोरेट जगत, परोपकार कार्यों और समाज में उनका योगदान निश्चित रूप से याद रखा जाएगा।’’

एपी

वैभव माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)