वाशिंगटन, 20 जनवरी (एपी) जो बाइडन ने राष्ट्रपति पद छोड़ने से कुछ ही समय पहले मूल जातीय अमेरिकी कार्यकर्ता लियोनार्ड पेल्टियर की आजीवन कारावास की सजा में छूट दे दी। पेल्टियर को 1975 में एफबीआई के दो एजेंट की हत्या का दोषी ठहराया गया था।
पेल्टियर को हाल ही में जुलाई में पैरोल देने से मना कर दिया गया था और वह 2026 तक फिर से पैरोल के लिए पात्र नहीं था। वह साउथ डकोटा में एक झड़प के दौरान दो एजेंट की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। बाइडन ने एक बयान में कहा कि वह घर पर ही नजरबंद रहेगा।
पेल्टियर ‘अमेरिकन इंडियन मूवमेंट’ में सक्रिय थे, जो 1960 के दशक में मिनियापोलिस में एक स्थानीय संगठन के रूप में शुरू हुआ था। मूल जातीय अमेरिकियों के खिलाफ भेदभाव और पुलिस के अत्याचारों जैसे मुद्दों से जूझ रहा था। और जल्द ही यह एक राष्ट्रीय ताकत बन गया।
कनाडा भागने और अमेरिका में प्रत्यर्पित किए जाने के बाद, पेल्टियर को प्रथम श्रेणी की हत्या के दो मामलों में दोषी ठहराया गया और 1977 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, हालांकि बचाव पक्ष ने दावा किया कि उसके खिलाफ सबूतों को गलत तरीके से पेश किया गया था।
एपी अमित नरेश
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