भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष ने सेवानिवृत्त पाक सैन्य अधिकारी को भेजा 50 करोड़ का नोटिस |

भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष ने सेवानिवृत्त पाक सैन्य अधिकारी को भेजा 50 करोड़ का नोटिस

भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष ने सेवानिवृत्त पाक सैन्य अधिकारी को भेजा 50 करोड़ का नोटिस

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Modified Date: January 9, 2025 / 11:31 AM IST
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Published Date: January 9, 2025 11:31 am IST

लाहौर, नौ जनवरी (भाषा) लाहौर की एक गैर-लाभकारी संस्था के अध्यक्ष ने बुधवार को एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी को महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को ‘अपराधी’ करार देने के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। साथ ही उन्होंने अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजकर 50 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है।

यह कानूनी नोटिस लाहौर मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एवं पाकिस्तान सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त अधिकारी तारिक मजीद को अधिवक्ता खालिद जमा खान के माध्यम से भेजा गया है।

मजीद ने भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी पर विदेशी अनुदान लेने का आरोप लगाया है तथा महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को ‘अपराधी’ कहा है।

नोटिस में कहा गया है, ‘‘मेरे मुवक्किल (भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी) एक देशभक्त हैं और देश व इस्लाम के प्रति ईमानदार हैं… और अपनी क्षमता के अनुसार जीवन व्यतीत कर रहे हैं तथा उन्होंने पाकिस्तान या विदेश में किसी भी व्यक्ति या समूह से एक भी पैसा नहीं लिया है।’’

नोटिस में कहा गया है कि उनके मुवक्किल (कुरैशी) का उद्देश्य आम आदमी की बेहतरी के लिए लड़ना और पाकिस्तान और भारत को करीब लाना है ताकि आम लोगों को फायदा हो सके।

नोटिस में भगत सिंह के बारे में कहा गया है: ‘‘राष्ट्रपिता कायदे-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना ने 12.09.1929 को सेंट्रल असेंबली दिल्ली में भगत सिंह की सराहना की थी…।’’

कुरैशी ने कहा कि मजीद ने नवंबर में लाहौर उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में ‘‘अत्यंत भद्दी और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था।’’

नवंबर में जिला प्रशासन ने लाहौर उच्च न्यायालय को बताया कि कमोडोर (सेवानिवृत्त) मजीद द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में उसने लाहौर के शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना को रद्द कर दिया है, जहां उन्हें लगभग 94 साल पहले फांसी दी गई थी।

अपनी रिपोर्ट में मजीद ने दावा किया कि सिंह ‘‘ क्रांतिकारी नहीं बल्कि एक अपराधी थे। आज की भाषा में वह एक आतंकवादी थे जिन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की और इस अपराध के लिए उन्हें दो साथियों के साथ फांसी पर लटका दिया गया।’’

मजीद ने कुरैशी पर विदेशी धन लेने का भी आरोप लगाया था और उनकी आस्था पर भी सवाल उठाए थे।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा

 

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