कैनबरा/सिडनी, 15 सितंबर (द कन्वरसेशन) यह जानना भविष्य में जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए आवश्यक है कि इस सदी में समुद्र का जलस्तर कितना बढ़ने की संभावना है, लेकिन पूर्ववर्ती अनुमानों ने इसे लेकर काफी अनिश्चितता पैदा कर दी है।
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‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ में आज प्रकाशित हमारे अनुसंधान परिमाणों में हमने पिछले 15 साल में एकत्र नमूने के आधार पर इसबात का बेहतर अनुमान मुहैया कराया है कि हमारे महासागर कितने गर्म होंगे और इससे समुद्रों में जलस्तर कितना बढ़ेगा।
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हमारे विश्लेषण में दिखाया गया है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में यदि कोई भारी गिरावट नहीं होती है, तो 2005 से 2019 की तुलना में इस सदी के अंत तक महासागरों का ऊपरी 2,000 मीटर हिस्सा 11 से 15 गुणा अधिक गर्म होगा। जल गर्म होने के साथ फैलता जाता है, इसलिए महासागरों के गर्म होने से समुद्रों के स्तर में 17 से 26 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
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महासागर का गर्म होना हमारे जीवाश्म ईंधन जलाए जाने से वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता का प्रत्यक्ष परिणाम है।
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इसके परिणामस्वरूप सूर्य से आने वाली ऊर्जा और अंतरिक्ष में विकीर्ण होने वाली ऊर्जा के बीच असंतुलन हो जाता है। पिछले 50 वर्ष में जलवायु प्रणाली में लगभग 90 प्रतिशत अतिरिक्त ऊष्मा ऊर्जा समुद्र में संग्रहित हुई है और केवल एक प्रतिशत गर्म वातावरण में है।