ब्रसेल्स, 27 सितंबर (एपी) बेल्जियम के प्रधानमंत्री ने कैथोलिक चर्च में यौन शोषण और उसे छिपाने के मामले को लेकर पोप फ्रांसिस की कड़ी आलोचना की और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने तथा पीड़ितों के हितों को संस्था के हितों से ऊपर रखने की मांग की।
उन्होंने शुक्रवार को फ्रांसिस की यात्रा के आरंभ में उनका जोरदार स्वागत किया।
प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू का यह भाषण पोप के विदेश दौरे के दौरान दिए गए अब तक के सबसे तीखे भाषणों में से एक था।
राजनयिक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए आमतौर पर सार्वजनिक भाषणों में ऐसी नाराजगी नहीं जतायी जाती है।
राजा फिलिप ने भी पोप फ्रांसिस के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि चर्च को अपराधों के लिए प्रायश्चित करने और पीड़ितों की मदद करने के लिए ‘निरंतर’ काम करना चाहिए।
डी क्रू ने कहा, ‘आज सिर्फ शब्द ही काफी नहीं हैं। हमें ठोस कदम उठाने की भी जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ‘पीड़ितों की बात सुनी जानी चाहिए। उन्हें ध्यान में रखना चाहिए। उन्हें सच्चाई का अधिकार है। गलत कामों को पहचाना जाना चाहिए’।
प्रधानमंत्री डी क्रू और राजा फिलिप के तीखे लहजे से यह रेखांकित हुआ कि बेल्जियम में उत्पीड़न कांड के जख्म अब भी भरे नहीं हैं, जहां दो दशकों से हो रहे उत्पीड़न के खुलासों और व्यवस्थित ढंग से मामले को छुपाने के प्रयासों ने बिशप और पादरियों की विश्वसनीयता को नष्ट कर दिया है और कैथोलिक धर्म तथा कभी शक्तिशाली रहे कैथोलिक चर्च के प्रभाव में समग्र गिरावट में योगदान दिया है।
(एपी)
शुभम दिलीप
दिलीप
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