बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना को वापस लाने के लिए इंटरपोल से मदद मांगेगी

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना को वापस लाने के लिए इंटरपोल से मदद मांगेगी

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  • Publish Date - November 10, 2024 / 05:13 PM IST,
    Updated On - November 10, 2024 / 05:13 PM IST

ढाका, 10 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने रविवार को कहा कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य ‘भगोड़ों’ को भारत से वापस लाने के लिए इंटरपोल से मदद मांगेगी ताकि उन सभी पर मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सके।

हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं पर सरकार विरोधी छात्र आंदोलन को क्रूर तरीके से दबाने का आदेश देने का आरोप है। जुलाई से अगस्त महीने में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी।

बाद में यह आंदोलन बड़े पैमाने पर विद्रोह में तब्दील हो गया, जिस कारण हसीना को पांच अगस्त को गुप्त रूप से भारत भागना पड़ा।

मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 753 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

इस घटना को यूनुस ने मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार बताया।

अक्टूबर के मध्य तक हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार की 60 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई गईं।

कानूनी मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने यहां अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में जीर्णोद्धार की कार्य स्थिति का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं को बताया, “इंटरपोल के जरिये बहुत जल्द ही रेड नोटिस जारी किया जाएगा। चाहे ये भगोड़े फासीवादी दुनिया में कहीं भी छिपे हों, उन्हें वापस लाया जाएगा और अदालत में जवाबदेह ठहराया जाएगा।”

आईसीटी उच्चतम न्यायालय परिसर में पुराने उच्च न्यायालय भवन में स्थित है। अधिकारियों ने बताया कि रेड नोटिस किसी प्रकार का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं बल्कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक वैश्विक अनुरोध है कि वे प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लंबित रहने तक व्यक्ति का पता लगाएं और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करें।

इंटरपोल के सदस्य देश अपने राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार रेड नोटिस लागू करते हैं।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश