बीडीआर विद्रोह की फिर से जांच करेगी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार

बीडीआर विद्रोह की फिर से जांच करेगी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार

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  • Publish Date - September 2, 2024 / 08:34 PM IST,
    Updated On - September 2, 2024 / 08:34 PM IST

(अनीसुर रहमान)

ढाका, दो सितम्बर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को कहा कि वह अर्द्धसैनिक बल बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) में 2009 के विद्रोह की ‘जल्द’ पुनः जांच और निष्पक्ष सुनवाई शुरू करेगी, जिसमें बल में सेवारत 57 सैन्य अधिकारियों समेत 74 लोग मारे गए थे।

अंतरिम सरकार के गृह एवं कृषि मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एम जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि एक नागरिक और एक पूर्व सैन्यकर्मी के रूप में वह इस दुखद घटना में न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ढाका में स्वीडिश राजदूत रेटो सिगफ्रीड रेंगली के साथ बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, ‘बीडीआर संबंधी घटना की पुनः जांच और निष्पक्ष सुनवाई प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।’

विद्रोह 25-26 फरवरी, 2009 को शुरू हुआ, जब सेना के अधिकारियों ने बीडीआर जवानों की मांगों को पूरा करने से इनकार कर दिया था। विद्रोही सैनिकों ने ढाका में बीडीआर के पिलखाना मुख्यालय में विद्रोह किया और यह जल्दी ही पूरे देश में फ्रंटियर फोर्स के सेक्टर मुख्यालयों और क्षेत्रीय इकाइयों तक फैल गया।

विद्रोह में अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने अपने कमांडरों की ओर बंदूकें तान दीं, उन्हें नजदीक से गोली मार दी या उन्हें धारदार हथियारों से हमला करके मार डाला, उनके शवों को सीवर में छिपा दिया और उनके डरे हुए परिवार के सदस्यों को बैरकों में बंधक बना दिया। विद्रोह में 57 सैन्य अधिकारियों सहित 74 लोग मारे गए थे।

एक व्यापक पुनर्निर्माण अभियान के तहत, सरकार ने बीडीआर का नाम बदलकर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) कर दिया तथा बल को विद्रोह के कलंक से मुक्त करने के लिए इसके लोगो, वर्दी, ध्वज और मोनोग्राम को भी बदल दिया।

आलम पहले बीजीबी प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘न केवल एक सलाहकार के रूप में, बल्कि एक पूर्व सैन्यकर्मी और एक सामान्य नागरिक के रूप में, मैं बीडीआर हत्याकांड की न्यायोचित सुनवाई चाहता हूं।’

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब विशेष रूप से सोशल मीडिया पर पुनः जांच की मांग की जा रही है। हालांकि 2017 में तीन न्यायाधीशों वाली उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने निचली अदालत में मुकदमे के बाद 139 बीडीआर सैनिकों की मौत की सजा को बरकरार रखा था।

भाषा अमित रंजन

रंजन