ढाका, 31 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घोषणा की है कि वह ‘‘जुलाई विद्रोह की अधिसूचना तैयार’’ करेगी। एक दिन पहले इसने ‘एंटी-डिसक्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट’ द्वारा प्रस्तावित समान शीर्षक वाले घोषणापत्र से खुद को अलग कर लिया था। छात्रों के इसी आंदोलन के कारण चार महीने पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने सोमवार को मध्य रात्रि में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में सभी की भागीदारी और आम सहमति से अधिसूचना तैयार कर ली जाएगी और देश के सामने पेश कर दिया जाएगा।’’
यूनुस के आधिकारिक ‘जमुना आवास’ के सामने पत्रकारों को संबोधित करते हुए आलम ने कहा कि घोषणापत्र सभी सहभागी छात्रों, राजनीतिक दलों और हितधारकों के विचारों पर आधारित होगा। इसमें ‘एंटी-डिसक्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट’ भी शामिल होगा, जिसके आंदोलन के कारण पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवामी लीग शासन का अंत हो गया था।
छात्रों के नेतृत्व वाले एक अन्य समूह ‘नेशनल सिटिजंस कमेटी’ के साथ ‘एंटी-डिसक्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट’ ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम के तहत दो दिन पहले कहा था कि वह मंगलवार दोपहर को ढाका के सेंट्रल शहीद मीनार पर जुलाई विद्रोह की अधिसूचना की घोषणा करेगा।
हालांकि, छात्र संगठन ने सोमवार देर रात लगभग डेढ़ बजे आपातकालीन बैठक बुलाई और मीडियाकर्मियों को बताया कि अधिसूचना के बजाय वे उसी स्थान और समय पर ‘‘एकता मार्च’’ निकालना चाहेंगे।
संगठन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने 29 दिसंबर को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुजीबवादी 72 संविधान’ को उसी स्थान पर दफनाया जाएगा जहां जुलाई विद्रोह के दौरान एक सूत्री घोषणा की गई थी।’’
भाषा सुरभि नरेश
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