बांग्लादेश सरकार ने आरक्षण विरोधी छात्रों से बातचीत की इच्छा जताई, देशभर में सुरक्षाबल तैनात |

बांग्लादेश सरकार ने आरक्षण विरोधी छात्रों से बातचीत की इच्छा जताई, देशभर में सुरक्षाबल तैनात

बांग्लादेश सरकार ने आरक्षण विरोधी छात्रों से बातचीत की इच्छा जताई, देशभर में सुरक्षाबल तैनात

:   Modified Date:  July 18, 2024 / 06:14 PM IST, Published Date : July 18, 2024/6:14 pm IST

ढाका, 18 जुलाई (भाषा) बांग्लादेश सरकार ने बृहस्पतिवार को देश भर में फिर से हिंसा भड़कने के बाद नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों द्वारा इस मुद्दे पर देशव्यापी बंद लागू करने का प्रयास किए जाने के दौरान झड़पें हुईं।

आधिकारिक समाचार एजेंसी बीएसएस ने बताया कि अधिकारियों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी सहित देश भर में ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ के जवानों को तैनात किया है।

कानून मंत्री अनीसुल हक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बातचीत के लिए बैठक करने का फैसला किया और यह जिम्मेदारी उन्हें तथा शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी को सौंपी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भी वे सहमत होंगे, हम बैठक करेंगे।’’

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कानून मंत्री से उच्चतम न्यायालय में लंबित आरक्षण मामले की जल्द सुनवाई के लिए पहल करने को कहा है।

हक ने कहा कि वह पहले ही अटॉर्नी जनरल को इस पर पहल करने का निर्देश दे चुके हैं जो रविवार को उच्चतम न्यायालय में अपील दायर कर मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह करेंगे।

सरकार ने चार छात्रों सहित कम से कम सात लोगों की जान लेने वाली हिंसक घटनाओं की जांच के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश खंडकेर दिलिरुज्जमां के नेतृत्व में एक न्यायिक जांच समिति बनाने का फैसला किया है।

मुख्य न्यायाधीश से मंजूरी मिलने पर समिति का गठन किया जाएगा।

कानून मंत्री ने प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया कि वे अपना प्रदर्शन समाप्त या स्थगित कर दें क्योंकि सरकार उनके साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।

बांग्लादेश में रात भर की शांति के बाद बृहस्पतिवार को फिर से हिंसा भड़क उठी जब हजारों छात्रों ने देशव्यापी बंद लागू करने का प्रयास किया।

मुख्यधारा के मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ भिड़ गए जिससे कई लोग घायल हो गए और लोगों को घर के अंदर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके चलते कई शॉपिंग मॉल बंद रहे।

दंगा रोधी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबड़ की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं, प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग से जुड़े छात्र ईंट-पत्थरों और डंडों के साथ सड़कों पर प्रदर्शनकारियों से भिड़ गए।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ढाका के रामपुरा इलाके में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन भवन की घेराबंदी कर दी और इसके सामने वाले हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के समय इस इमारत में पत्रकारों सहित लगभग 1,200 कर्मचारी थे।

कई दिनों के प्रदर्शनों और हिंसक झड़पों में कम से कम सात लोगों की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने बीती रात देश में ‘‘पूर्ण बंद’’ लागू करने का संकल्प लिया।

सरकारी कार्यालय और बैंक खुले रहे क्योंकि अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी), दंगा रोधी पुलिस और विशिष्ट अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में सड़कों पर तैनात थी, लेकिन सीमित परिवहन के कारण उपस्थिति कम रही।

कई कार्यालयों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा।

ढाका और देश के बाकी हिस्सों के बीच बस सेवाएं भी बंद रहीं और लोग घरों में ही रहे।

स्थानीय बाजारों और शॉपिंग मॉल में सीमित प्रवेश बिंदु खुले थे। सड़क किनारे कुछ दुकानें खुली दिखाई दीं, जबकि अन्य बंद रहीं।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली के चलते बड़े पैमाने पर मेधावी छात्र सरकारी सेवाओं से वंचित हो रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग पर आरोप लगाया कि वह पुलिस के समर्थन से उनके ‘‘शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन’’ पर हमला कर रही है।

वर्तमान आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियाँ आरक्षित हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10 प्रतिशत महिलाओं, पाँच प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों और एक प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)