मेलबर्न, सात नवंबर (एपी) ऑस्ट्रेलिया सरकार ने बच्चों के लिए सोशल मीडिया का उपयोग शुरू करने की आयु सीमा 16 वर्ष निर्धारित करने को लेकर बृहस्पतिवार को एक कानून की घोषणा की और इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्लेटफॉर्मों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है और मैं इस पर रोक लगाना चाहता हूं।’’
अल्बनीज ने संवाददाताओं से कहा कि इस साल 18 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र के अंतिम दो सप्ताहों के दौरान यह कानून पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कानून पारित होने के 12 महीने बाद आयु सीमा लागू होगी।
एक्स, टिकटॉक, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म को उस साल यह तय करना होगा कि 16 साल से कम उम्र के ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को उनसे कैसे बाहर रखा जाए।
अल्बनीज ने कहा, ‘‘मैंने हजारों अभिभावकों, बच्चों के दादा-दादी, चाचा-चाची से बात की है। वे भी मेरी तरह अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।’’
यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर की सरकारें इस बात पर विचार कर रही हैं कि युवाओं द्वारा स्मार्टफोन और सोशल मीडिया जैसी तकनीकों के इस्तेमाल पर कैसे निगरानी रखी जाए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आयु सीमा का उल्लंघन करने पर दंडित किया जाएगा, लेकिन बच्चों और उनके माता-पिता को दंडित नहीं किया जाएगा।
अल्बनीज ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह दर्शाने की जिम्मेदारी होगी कि वे पहुंच को रोकने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं। माता-पिता या बच्चों पर यह जिम्मेदारी नहीं होगी।’’
फेसबुक और इंस्टाग्राम का स्वामित्व रखने वाली मेटा में सुरक्षा प्रमुख एंटीगोन डेविस ने कहा कि कंपनी सरकार द्वारा लागू की जाने वाली किसी भी आयु सीमा का सम्मान करेगी।
डेविस ने एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि, इस विषय पर गहन चर्चा की कमी है कि हम सुरक्षा को कैसे लागू करते हैं…।’’ उन्होंने कहा कि माता-पिता के लिए ऐप स्टोर और ऑपरेटिंग सिस्टम में मजबूत टूल यह नियंत्रित करने के लिए कि उनके बच्चे कौन से ऐप का उपयोग कर सकते हैं, एक ‘‘सरल और प्रभावी समाधान’’ होगा।
‘एक्स’ ने इस मुद्दे पर टिप्पणी का अनुरोध किये जाने पर तत्काल जवाब नहीं दिया है। वहीं, ‘टिकटॉक’ ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
आस्ट्रेलिया में डिजिटल उद्योग की हिमायती डिजिटल इंडस्ट्री ग्रुप इंक (डीआईजीआई) की प्रबंध निदेशक सुनीता बोस ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रतिबंधों के माध्यम से पहुंच को अवरुद्ध करने के बजाय, हमें डिजिटल साक्षरता प्रदान करने और बच्चों को इन प्लेटफॉर्म के नुकसान से बचाने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।’’
एपी सुभाष पवनेश
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