दुबई, 26 जून (एपी) अदन की खाड़ी में एक जहाज और इजराइल के दक्षिण में स्थित बंदरगाह शहर ईलात पर बुधवार को तड़के हमले किए गए। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संभवत: ये हमले हूती विद्रोहियों ने किए हैं।
ये हमले यहां आठ माह तक तैनात रहे विमानवाहक पोत यूएसएस ड्वाइट डी. आइजनहावर के वापस लौटने के बाद हुए हैं। इस पोत को हूतियों के हमले रोकने और अमेरिका की जवाबी कार्रवाई के लिए तैनात किया गया था।
हूतियों के हमलों की वजह से एशियाई, मध्य पूर्व और यूरोपीय बाजारों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग से जहाजों की आवाजाही काफी हद तक कम हो गई है। वहीं हूतियों का कहना है कि उनका अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध खत्म नहीं हो जाता।
ब्रिटिश सेना के ‘यूनाइटेड किंगडम समुद्री व्यापार संचालन केंद्र’ (यूकेएमटीओ) ने कहा कि जहाज पर हमला अदन के तट पर हुआ।
यूकेएमटीओ ने कहा, ‘चालक दल के सदस्य सुरक्षित बताए गए हैं और जहाज अपने अगले बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है।’
यूकेएमटीओ ने यह नहीं बताया कि इस हमले में जहाज को नुकसान पहुंचा है या नहीं।
इस बीच इजराइली सेना ने बुधवार को सुबह कहा कि एक ड्रोन ‘ईलात के तट पर गिरा।’ सेना ने क्षेत्र में हवाई हमले के सायरन सक्रिय कर दिए।
इजराइल की सेना ने कहा कि ड्रोन पर ‘पूरी घटना के दौरान (इजराइली) सैनिकों द्वारा नजर रखी गई और यह इजराइली क्षेत्र में नहीं घुसा।’
हूतियों ने तुरंत किसी भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
विद्रोहियों ने अपने अभियान में मिसाइलों और ड्रोनों से 60 से अधिक विशिष्ट जहाजों को निशाना बनाया है, जिसमें कुल चार नाविक मारे गए हैं। उन्होंने नवंबर से अब तक एक जहाज पर कब्जा किया है और दो को डुबोया है।
हूतियों का कहना है कि उन्होंने इजराइल, अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बनाकर हमले किए हैं।
एपी शुभम शोभना मनीषा
मनीषा