भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का आधार है आसियान : विदेश मंत्री जयशंकर

भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का आधार है आसियान : विदेश मंत्री जयशंकर

  •  
  • Publish Date - July 26, 2024 / 02:47 PM IST,
    Updated On - July 26, 2024 / 02:47 PM IST

वियनतियाने (लाओस), 26 जुलाई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को भारत की प्राथमिकता बताते हुए शुक्रवार को कहा कि आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण की आधारशिला है।

जयशंकर आसियान की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस की राजधानी में हैं।

उन्होंने आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आसियान के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत के लिए आसियान उसकी ‘एक्ट इंडिया’ नीति और उसके हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण की आधारशिला है…।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आसियान के साथ वर्तमान राजनीतिक, आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग और लोगों के बीच संपर्क सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसे हम विस्तार देने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं।’’

जयशंकर ने कहा कि यह देखना उत्साहवर्धक है कि भारत-आसियान साझेदारी हर बीतते दिन के साथ और नए आयाम प्राप्त कर रही है।

विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा से पहले कहा था कि यह यात्रा इसलिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।

आसियान के 10 सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया शामिल हैं।

भाषा

सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल