भ्रष्टाचार-रोधी आयोग ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति से क्षमादान के मामले में पूछताछ की

भ्रष्टाचार-रोधी आयोग ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति से क्षमादान के मामले में पूछताछ की

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  • Publish Date - November 26, 2024 / 08:49 PM IST,
    Updated On - November 26, 2024 / 08:49 PM IST

कोलंबो, 26 नवंबर (भाषा) श्रीलंका में भ्रष्टाचार-रोधी आयोग ने हत्या के एक दोषी को पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा क्षमादान दिये जाने के मामले में मंगलवार को उनका बयान दर्ज किया।

रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार की जांच करने वाले आयोग (सीआईएबीओसी) के अधिकारियों ने बताया कि सिरिसेना का बयान आयोग के कार्यालय में उपस्थित होने के बाद दर्ज किया गया।

द्विपीय राष्ट्र के 2015 से 2019 तक राष्ट्रपति रहे सिरिसेना ने 2019 में जूड श्रमंथा जयमहा को क्षमादान दिया था। श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने जयमहा को 2005 में एक किशोर मित्र की हत्या के लिए दोषी ठहराया था।

सिरिसेना ने 2019 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले और उनके राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने से महज कुछ दिन पहले जयमहा को क्षमादान दिया था।

भ्रष्टाचार-रोधी आयोग, प्राप्त शिकायत के आधार पर, उनसे कथित धन लेनदेन के बारे में पूछताछ करना चाहता था, जिसके परिणामस्वरूप दोषी को क्षमादान दिया गया था।

श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय की तीन-सदस्यीय पीठ ने छह जून को जयमहा को राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान देने के सिरिसेना के 2019 के फैसले को “असंवैधानिक” करार देते हुए पलट दिया था और पूर्व राष्ट्रपति को मामले में पीड़िता के माता-पिता और याचिकाकर्ता को 10 लाख श्रीलंकाई रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था।

जयमहा ने 2005 में श्रीलंका में छुट्टियां मना रही 19-वर्षीय स्वीडिश महिला यवोन जोन्सन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उसे पहले 12 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में उसने उच्च न्यायालय में अपील की, जिसने उसकी याचिका खारिज कर दी और उसे मौत की सजा सुनाई।

वर्ष 2014 में उच्चतम न्यायालय ने भी इसे बरकरार रखा था।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश