तोक्यो, 30 अक्टूबर (एपी) जापान के एक और उच्च न्यायालय ने समलैंगिक शादियों पर रोक की सरकार की नीति को बुधवार को असंवैधानिक करार दिया।
तोक्यो उच्च न्यायालय ने कहा कि समलैंगिक शादियों पर रोक ‘व्यक्ति के यौन रुझान पर आधारित एक बेबुनियाद कानूनी भेदभाव’ है। उसने कहा कि यह रोक समानता के अधिकार के साथ-साथ व्यक्तियों की गरिमा और लैंगिक समानता की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन करती है।
इससे पहले, मार्च में साप्पोरो उच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया था कि समलैंगिक जोड़ों को शादी करने और आम जोड़ों के समान लाभ का आनंद लेने की अनुमति नहीं देना समानता और विवाह की स्वतंत्रता के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
बुधवार को तोक्यो उच्च न्यायालय जापान की सातवीं ऐसी अदालत बन गया, जिसने समलैंगिक शादियों पर मौजूदा प्रतिबंध को असंवैधानिक या उसके समान करार दिया है। देश की महज एक जिला अदालत ने समलैंगिक शादियों पर प्रतिबंध को संवैधानिक बताया है। हालांकि, इन आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
एपी पारुल वैभव
वैभव