ह्यूस्टन। अमेरिका ने चीन के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है। ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावास 72 घंटे के अंदर बंद करने की चेतावनी दी है। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से बीजिंग बुरी तरह भड़क गया है। उसके एक अधिकारी ने इस कदम को अपमानजनक और अनुचित बताया है।
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This video shared with us by a viewer who lives next to the Consulate General of China in #Houston shows fire and activity in the courtyard of the building.
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चीन ने इसे अमेरिका का पागलपन कदम बताया है। इससे दोनों देशों के संबंध और खराब होंगे। मंत्रालय ने कहा कि यह अमेरिका का एक तरफा कदम है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव बढ़ाने वाली इस कार्रवाई की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने निंदा की है।
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उधर, ह्यूस्टन क्रानिकल ने पुलिस का हवाला देते हुए कहा है कि दूतावास बंद करने के आदेश के बाद से ही अन्दर से धुआं उठता नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्टो की मानें तो चीनी कर्मचारी गोपनीय दस्तावेजों को जला रहे हैं।
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अमेरिका ने चीन पर जासूसी का आरोप लगाया है। यूएस इन्वेस्टिगेटर्स ने कहा कि चीन सिर्फ महज जासूसी ही नहीं कर रहा, बल्कि उसने अपने हैकरों को भी काम पर लगा दिया है। वे केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कोरोनावायरस वैक्सीन के शोध को निशाना बना रहे हैं।
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ट्रंप प्रशासन द्वारा चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद करने के आदेश के कुछ घंटों बाद चीनी राजनयिकों को कुछ कागजों को आग के हवाले करते देखा गया। इससे शक और गहरा जाता है कि वास्तव में चीनी दूतावास किसी गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त था।