चीन के युद्धाभ्यास के एक सप्ताह बाद अमेरिकी और कनाडाई युद्धपोत ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरे

चीन के युद्धाभ्यास के एक सप्ताह बाद अमेरिकी और कनाडाई युद्धपोत ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरे

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  • Publish Date - October 21, 2024 / 03:45 PM IST,
    Updated On - October 21, 2024 / 03:45 PM IST

ताइपे, 21 अक्टूबर (एपी) चीन द्वारा ताइवान के पास बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किए जाने के लगभग एक सप्ताह बाद अमेरिका और कनाडा के युद्धपोत रविवार को ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरे।

चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है।

अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि सभी देशों के लिए नौवहन की स्वतंत्रता के सिद्धांत को कायम रखने के लिए विध्वंसक पोत ‘यूएसएस हिगिंस’ और कनाडाई युद्धपोत ‘एचएमसीएस वैंकूवर’ ताइवान जलडमरूमध्य से ‘‘नियमित’’ रूप से गुजरे।

अमेरिकी नौसेना के पोत चीन को ताइवान से अलग करने वाले संवेदनशील जलमार्ग से नियमित रूप से गुजरते हैं। ऐसे में कभी-कभी अमेरिका के मित्र देशों के पोत भी उसके साथ होते हैं।

चीन ने अमेरिका और कनाडा के इस संयुक्त युद्धाभ्यास की निंदा की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, ‘‘ताइवान का मुद्दा नौवहन की स्वतंत्रता के बारे में नहीं है बल्कि यह चीन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित है। चीन किसी भी देश द्वारा नौवहन की स्वतंत्रता के नाम पर चीन की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा पैदा करने या उकसावे की कार्रवाई किए जाने का कड़ा विरोध करता है।’’

चीन सेना की ‘ईस्टर्न थियेटर कमांड’ ने कहा कि अमेरिका और कनाडा के युद्धपोतों का यह कदम क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को नुकसान पहुंचाता है। उसने बताया कि उसने अमेरिकी एवं कनाडाई पोतों के पारगमन की निगरानी के लिए ‘‘कानून के अनुसार’’ नौसेना और वायु सेना को तैनात किया है।

अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने बयान में कहा कि पोत ‘‘ऐसे जल क्षेत्र से गुजरे जहां समुद्री नौवहन और हवाई क्षेत्र में उड़ान की स्वतंत्रता अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत लागू होती है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘ताइवान जलडमरूमध्य में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के नौवहन के अधिकारों और स्वतंत्रता को सीमित नहीं किया जाना चाहिए।’’

लिन से जब अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की ताइवान और चीन के संबंध में हालिया टिप्पणियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ताइवान एक घरेलू मुद्दा है, ‘‘जिसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है’’ और चीन ‘‘चुनावों के दौरान किसी भी अमेरिकी व्यक्ति द्वारा चीन को मुद्दा बनाए जाने’’ का विरोध करता है।

ट्रंप ने ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के संपादकीय बोर्ड से कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यदि वह फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो चीन ताइवान पर आक्रमण नहीं करेगा।

चीन ने पिछले सप्ताह सोमवार को ताइवान और उसके बाहरी द्वीपों के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया था। उसका यह कदम ताइवान जलडमरूमध्य में तनावपूर्ण स्थिति को दर्शाता है।

चीन ने सैन्य अभ्यासों में एक दिन में रिकॉर्ड 125 सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया।

चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यह अभ्यास ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के बीजिंग की उन मांगों को मानने से इनकार करने की प्रतिक्रिया है कि ताइवान खुद को कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार करे।

एपी सिम्मी मनीषा

मनीषा