अंतरिक्ष की उड़ान में फिर अमेरिका ने रचा इतिहास, दो यात्रियों को लेकर सुरक्षित कक्षा में दाखिल हुआ स्पेसक्राफ्ट

अंतरिक्ष की उड़ान में फिर अमेरिका ने रचा इतिहास, दो यात्रियों को लेकर सुरक्षित कक्षा में दाखिल हुआ स्पेसक्राफ्ट

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  • Publish Date - May 31, 2020 / 07:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

न्यूयॉर्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा निजी कंपनी स्पेस एक्स के डैनग स्पेसक्राफ्ट ने 2 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भर ली है। स्पेस एक्स के रॉकेट ने शनिवार को दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन के लिए रवाना हो गए। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, जैसे ही काउंटडाउन खत्म हुआ नासा के रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले नाम के दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ड्रैगन कैप्सूल को लेकर निजी कंपनी स्पेस एक्स का रॉकेट फॉल्‍कन-9 स्‍थानीय समय के मुताबिक, अपराह्न 3.22 बजे अपनी यात्रा पर रवाना हो गया।

 

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राष्ट्रपति ट्रंप ने भी ये घोषणा करते हुए खुशी जताई की स्पेस ड्रैगन कैप्सूल सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया है। हमारे दोनों अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित और स्वस्थ हैं। बता दें पूरे 9 साल बाद अमेरिका इतिहास रचने की कगार पर था, लेकिन खराब मौसम की वजह से 27 मई को ह्यूमन स्पेस मिशन को रोकना पड़ा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा निजी कंपनी स्पेस एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजने की तैयारी में था।

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अमेरिका पहली बार किसी निजी कंपनी के रॉकेट ने ड्रैगन कैप्सूल में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी है। इस प्रक्षेपण के साथ ही अमेरिका में कॉमर्शियल स्‍पेस ट्रैवल के एक नए युग की शुरुआत हो गई है। अमेरिका से पहले रूस और चीन ऐसा कर चुके हैं। अंतरिक्ष में जाने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को वहां हवा की रफ्तार नियंत्रण के दायरे में रहने की जरूरत होगी। अंतरिक्ष यात्रियों का गंतव्य यानी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन 19 घंटे की उड़ान दूरी पर मौजूद है।

 

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इस मिशन में रॉबर्ट बेनकेन स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से जुड़ाव, अनडॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से अलग होना और उसके रास्ते का निर्धारण करेंगे। बेनकेन इससे पहले दो बार स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। एक 2008 में और दूसरा 2010 में. उन्होंने तीन बार स्पेसवॉक किया है। वहीं, डगलस हर्ले को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर बनाया गया था। इन्हें लॉन्च, लैंडिंग और रिकवरी की जिम्मेदार दी गई थी. डगलस 2009 और 2011 में स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। वह पेशे से सिविल इंजीनियर थे। बाद में 2000 में नासा से जुड़े थे। इसके पहले यूएस मरीन कॉर्प्स में फाइटर पायलट थे।

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पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, दोनों एस्ट्रोनॉट्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 110 दिन तक रहेंगे। आपको बता दें कि स्पेस-एक्स ड्रैगन कैप्सूल एक बार में 210 दिनों तक अंतरिक्ष में समय बिता सकता है। उसके बाद उसे रिपेयरिंग के लिए धरती पर वापस आना होगा। संभव है कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से दोनों अंतरिक्षयात्री वापस आ जाए या उनकी जगह किसी और को स्पेस स्टेशन से वापस धरती पर भेजा जाए।

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इस मिशन को डेमो-2 मिशन नाम दिया गया है। डेमो-1 मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से स्पेस स्टेशन पर सफलतापूर्वक सामान पहुंचाया गया था। स्पेसएक्स नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भेजेगा। यह पहला मौका है जब सरकार के बजाय किसी निजी कंपनी ने अंतरिक्ष यात्रियों को स्‍पेस में भेजा है। यह लॉन्चिंग 27 नवंबर को होनी थी लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे टालना पड़ा था।