अमेरिकियों की हत्याओं का निर्देश देने संबंधी आरोप गंभीर चिंता का विषय: गबार्ड

अमेरिकियों की हत्याओं का निर्देश देने संबंधी आरोप गंभीर चिंता का विषय: गबार्ड

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 12:47 AM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 12:47 AM IST

वाशिंगटन, 30 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय खुफिया निदेशक पद के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पसंद तुलसी गबार्ड ने बृहस्पतिवार को सांसदों से कहा कि किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा अमेरिकियों की हत्याओं का निर्देश देना गंभीर चिंता का विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए।

वह एक संघीय अभियोग पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक ‘‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’’ ने 2023 में न्यूयॉर्क शहर में एक सिख कार्यकर्ता, जो एक अमेरिकी नागरिक है, की हत्या के प्रयास का निर्देश दिया था और इस साजिश को अमेरिकी कानून प्रवर्तन द्वारा नाकाम कर दिया गया था।

गबार्ड से एक लिखित प्रश्न में पूछा गया, ‘‘इसके अलावा, कनाडा के अधिकारियों ने भारत सरकार पर जून 2023 में कनाडा में एक कनाडाई नागरिक और सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर आपके क्या विचार हैं कि भारत सरकार कनाडा और अमेरिका में सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है? इन आरोपों को देखते हुए, अमेरिका और भारत के बीच सुरक्षा सहयोग सहित अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों पर आपके क्या विचार हैं।’’

गबार्ड ने कहा, ‘‘भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सुरक्षा साझेदार है। किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ, विशेष रूप से अमेरिकी धरती पर, हत्याओं का निर्देश देने का विश्वसनीय आरोप गंभीर चिंता का विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए।’’

गबार्ड ने कहा, ‘‘जांच के परिणाम और खुफिया जानकारी राष्ट्रपति और नीति निर्माताओं को प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे कथित घटना के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित सर्वोत्तम निर्णय ले सकें।’’

इस बीच, गबार्ड ने आरोप लगाया कि डेमोक्रेटिक सांसद हिंदुओं और हिंदू धर्म के खिलाफ धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में डेमोक्रेट सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ न्यायिक उम्मीदवारों जैसे एमी कोनी बैरेट और ब्रायन ब्यूशर के खिलाफ ईसाई विरोधी कट्टरता का सहारा लिया था। मैंने उस समय कांग्रेस में एक डेमोक्रेट के रूप में उन कार्रवाइयों की निंदा की थी, क्योंकि धार्मिक कट्टरता की हम सभी को पूरी तरह से निंदा करनी चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।’’

भाषा शफीक संतोष

संतोष