काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान आतंकी 11 सितंबर को सरकार का गठन करने जा रहे हैं। यह वही दिन है जब आज से करीब 20 साल पहले ओसामा बिना लादेन के आतंकी संगठन अलकायदा के आत्मघाती बम हमलावरों ने अमेरिका में 9/11 हमले को अंजाम दिया था। इसी आत्मघाती हमले के बाद अमेरिकी सेना अफगानिस्तान पहुंच गई और तालिबान सरकार को उखाड़ फेंका था।
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इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिस तालिबान को अमेरिका ने खूनी जंग और हजारों सैनिकों की मौत के बाद सत्ता से हटाया था, उसे 20 साल बाद फिर से सत्ता सौंपकर वे वापस लौट चुके हैं। अमेरिका की इस करारी हार के बाद अब तालिबानी 11 सितंबर को सरकार का गठन करके बाइडन प्रशासन को चिढ़ाने जा रहे हैं।
बता दें कि 9/11 के आतंकी हमले को अलकायदा ने अंजाम दिया था और इसकी पूरी साजिश अफगानिस्तान से रची गई थी। अफगानिस्तान ही अलकायदा का सुरक्षित पनाहगार था। उसे तालिबान के संस्थापक और तत्कालीन मुखिया मुल्ला उमर का पूरा समर्थन प्राप्त था। रूसी मीडिया रिया नोवोस्ती की रिपोर्ट के मुताबिक अब तालिबानी 11 सितंबर के दिन अपनी नई सरकार का उद्घाटन करने जा रहे हैं।
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रसिया टुडे की पत्रकार मार्गरीटा सिमोनयान ने कहा कि तालिबानियों ने ऐसा जानबूझकर किया है। उन्होंने कहा कि तालिबानी न केवल अच्छे मीम पैदा कर रहे हैं, बल्कि ट्रोल करने में भी आगे हैं।
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इससे पहले तालिबान ने वैश्विक आतंकी मुल्ला हसन अखुंद को इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। इतना ही नहीं, अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को तालिबान सरकार में अफगानिस्तान का गृह मंत्री बनाया गया है।