Monkeypox Virus Latest Update : मंकीपॉक्स की वजह से 548 लोगों की मौत..! अलर्ट मोड पर भारत सरकार, एयरपोर्ट-अस्पतालों में की गई ये खास तैयारी

Monkeypox Virus Latest Update : अब तक डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मंकीपॉक्स के चलते 548 लोगों की मौत हो चुकी है।

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  • Publish Date - August 20, 2024 / 10:05 AM IST,
    Updated On - August 20, 2024 / 10:05 AM IST

नई दिल्ली। Monkeypox Virus Latest Update : मंकीपॉक्स नाम की इस बीमारी का एक मरीज पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मिलने के बाद अब भारत में भी इसको लेकर सतर्कता बढ़ गई है। मंकीपॉक्स को लेकर पूरी दुनिया सतर्क हो गई है। मध्य और पूर्वी अफ्रीका से शुरू हुआ यह संक्रमण अब भारत के करीब तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्क रहने का निवेदन किया है। भारत में मंकीपॉक्स से निपटने के लिए एयरपोर्ट से लेकर अस्पतालों को अलर्ट मोड पर कर दिया है।

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Monkeypox Virus Latest Update : वहीं इस साल की शुरुआत से अब तक डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मंकीपॉक्स के चलते 548 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों की संख्या में लोग मंकीपॉक्स से ग्रसित हैं। अफ्रीकन कंट्री के अलावा मंकीपॉक्स के दूसरे देशों में भी फैलने की संभावना है। इसके चलते भारत सरकार अभी से अलर्ट हो गई है।

भारत में अलर्ट

मंकीपॉक्स नाम की इस बीमारी का एक मरीज पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मिलने के बाद अब भारत में भी इसको लेकर सतर्कता बढ़ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी हवाई अड्डों के साथ-साथ बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं के पास मौजूद बंदरगाहों के अधिकारियों को ‘मंकीपॉक्स’ के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रति सतर्क रहने को कहा है।

 

जानकारी अनुसार, भारत सरकार ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि जिनके शरीर पर दाने उभर रहे हैं, ऐसे मरीजों की पहचान करें और आइसोलेशन वार्ड तैयार करें। दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पताल – सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, और राम मनोहर लोहिया अस्पताल – को इस कार्य के लिए चिह्नित किया गया है।

 

कैसे फैसता है मंकीपॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ संक्रमण यौन संपर्क के माध्यम से संचरित हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह समलैंगिक या उभयलिंगी लोगों से संबंधित कई मामलों की भी जांच कर रहा है।

 

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