(एम. जुल्करनैन)
लाहौर, 11 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने के आरोप में 150 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उनमें से 22 को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किये गये लोगों में से ज्यादातर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी से जुड़े है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अनुसार 26 नवंबर को इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों पर कानून प्रवर्तकों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम 12 पार्टी कार्यकर्ता मारे गए थे और सैकड़ों घायल हो गए थे। पार्टी का यह भी दावा है कि तब से लगभग 105 पार्टी कार्यकर्ता लापता हैं।
घटना के बाद, खान के समर्थकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने के लिए पाकिस्तानी सेना को दोषी ठहराना शुरू कर दिया था।
शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने इस बात से इनकार किया कि कानून प्रवर्तकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। उन्होंने सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई।
सरकार ने ऐसे तत्वों पर नकेल कसने के लिए संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के प्रमुख की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यबल का गठन किया।
एफआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इसके बाद, एफआईए की साइबर अपराध शाखा ने देशभर में लगभग 150 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया और 22 लोगों को गिरफ्तार किया।’’
उन्होंने कहा कि एफआईए ने सरकारी संस्थाओं के खिलाफ दुष्प्रचार में शामिल संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए 117 छापे मारे, जिनमें से अधिकतर पंजाब में मारे गए।
उन्होंने कहा कि संदिग्धों (सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं) के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम (पीईसीए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने इस्लामाबाद के डी-चौक से ‘पीटीआई’ समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए सरकार की ‘‘घातक कार्रवाई’’ की पारदर्शी ढंग से जांच कराये जाने मांग की थी। ‘पीटीआई’ समर्थक जेल में बंद अपने नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री की रिहाई के लिए एकत्र हुए थे।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)