मानवाधिकार कार्यकर्ता के लिए सबसे घातक साबित हुआ साल 2024: संयुक्त राष्ट्र

मानवाधिकार कार्यकर्ता के लिए सबसे घातक साबित हुआ साल 2024: संयुक्त राष्ट्र

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  • Publish Date - November 22, 2024 / 09:42 PM IST,
    Updated On - November 22, 2024 / 09:42 PM IST

जिनेवा, 22 नवंबर (एपी) वर्ष 2024 में अब तक अन्य किसी भी साल की तुलना में अधिक सहायता कार्यकर्ता, स्वास्थ्यकर्मी, डिलीवरी कर्मचारी और अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ता मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

‘ऑफिस फॉर द कोआर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स (ओसीएचए)’ अनुसार इस साल विश्व भर में 281 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मारे जाने का सबसे बड़ा कारण मध्य पूर्व में हिंसा रहा है।

ओसीएचए के प्रवक्ता जेन्स लार्के ने कहा, ‘साल खत्म होने से पहले ही 2024 दुनिया भर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए सबसे घातक साल बन गया है।’

लार्के ने जिनेवा में संवाददाताओं को बताया कि यह आंकड़ा पिछले साल के 280 मृत्यु के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है।

उन्होंने कहा, ‘मानवाधिकार कार्यकर्ता गाजा, सूडान, लेबनान, यूक्रेन आदि स्थानों पर साहसपूर्वक और निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं। वे मानवता की सर्वश्रेष्ठ सेवा कर रहे हैं लेकिन बदले में वे बड़ी संख्या में मारे जा रहे हैं।’

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि ये आंकड़े ‘एड वर्कर सिक्योरिटी डेटाबेस’ से प्राप्त हुए हैं, जो एक अमेरिका द्वारा वित्तपोषित परियोजना है और इसे ब्रिटेन स्थित समूह ‘ह्यूमैनिटेरियन आउटकम्स’ द्वारा संचालित किया जाता है।

डेटाबेस के अनुसार शुक्रवार को यह सामने आया कि लगभग 230 सहायता कार्यकर्ता फलस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्रों में मारे गए हैं।

ओसीएचए ने कहा कि इजराइल और उग्रवादी समूह हमास के बीच हालिया संघर्ष के बाद से कुल 333 मानवाधिकार कार्यकर्ता मारे गए हैं। यह संघर्ष सात अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, जब उग्रवादियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश नागरिक थे और 250 अन्य लोगों का अपहरण कर लिया गया था।

एपी

योगेश रंजन

रंजन