रूसी हमले के 1000 दिन: यूक्रेन में श्रद्धांजलि का केंद्र बना एक अस्थायी स्मारक

रूसी हमले के 1000 दिन: यूक्रेन में श्रद्धांजलि का केंद्र बना एक अस्थायी स्मारक

  •  
  • Publish Date - November 18, 2024 / 01:54 PM IST,
    Updated On - November 18, 2024 / 01:54 PM IST

कीव, 18 नवंबर (एपी) रूस के आक्रमण से पहले यूक्रेन की राजधानी के बीचोंबीच स्थित हरेभरे लॉन वाले स्थान को अब एक अस्थायी स्मारक में बदल दिया गया है।

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले की शुरुआत को 1000 दिन पूरे हो चुके हैं। उससे पहले राजधानी कीव के मध्य में स्थित इस स्थान पर पर्यटक तस्वीरें लेने के लिए आते थे, और सप्ताहांत में घूमते थे।

अब अस्थायी स्मारक का रूप ले चुके इस स्थान पर नीले और पीले रंग के झंडे लगे हैं जो रूस से लड़ते हुए मारे गए प्रत्येक सैनिक के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। मारे गए लोगों में कई तो स्वयंसेवक थे जिन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए सामान्य नागरिक के रूप में अपने जीवन को पीछे छोड़ दिया।

ऐसे अनेक लोग अपने पीछे अपने परिवारों को छोड़ गए हैं जिनके बारे में उम्मीद की जा रही है कि उनके बलिदान को भुलाया नहीं जाएगा। परिवार छोटे-छोटे झंडे लगाते हैं, जिन पर उनके अपनों के नाम और मृत्यु की तारीखें लिखी हैं। समय के साथ, झंडों की संख्या बढ़ती जा रही है जो मौसम बदलने और युद्ध के लंबे समय तक चलने के साथ ये हवा में लहराते हैं।

ऐसे ही एक संघर्ष के दौरान मारे गए अपने बेटे की याद में एक साल पहले झंडा लगाने वाली स्वितलाना किरिचेन्को अब झंडा बदलने चेर्कासी से यात्रा करके यहां पहुंची हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसलिए यहां झंडा लगाया ताकि कोई व्यक्ति यहां से गुजरे तो देखे कि यह व्यक्ति कभी हमारे लिए जीता था और उसने अपना जीवन कुर्बान कर दिया था।’’

एसोसिएटेड प्रेस के दस्तावेजों से पता चलता है कि युद्ध के पहले वर्ष में मई महीने में लॉन पर पहला झंडा दिखाई दिया था। इससे कुछ समय पहले ही रूसी सेना के कीव क्षेत्र से हटने के तुरंत बाद राजधानी पर कब्जे का खतरा नहीं था। उस समय की तस्वीरों में घास के मैदान में पंक्तियों में व्यवस्थित दर्जनों झंडे दिखाई देते हैं।

जैसे-जैसे युद्ध जारी रहा, जगह बदल गई। घास फीकी पड़ गई, उसकी जगह कब्रिस्तान जैसे दिखने वाले रास्ते नजर आने लगे, जिनमें हजारों झंडे लगे हुए थे।

कुछ रिश्तेदारों ने अपने शहीद परिजनों की तस्वीरें भी लगाई हैं जिनमें वे सेना की वर्दी में मुस्कराते दिखाई देते हैं।

रिमझिम बारिश से बचने के लिए काला हुड पहने हुए स्वितलाना कानेवस्का अपने प्रेमी सेरही इवानित्स्की के चित्र पर झुकी हुई हैं, जिनकी पूर्वी यूक्रेन में कुछ महीने पहले मृत्यु हो गई थी।

इस जगह ताजे और सूखे फूल बिखरे हुए हैं। शहर के अधिकारियों का इस स्मारक पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसे लोगों ने खुद बनाया है, जिन्होंने कोई आधिकारिक सरकारी स्मारक नहीं होने की स्थिति में अपने शहीद प्रियजनों को श्रद्धांजलि देने की प्रेरणा के साथ इस लॉन को स्मारक का रूप दिया।

सैनिक और परिवार यहां आकर लंबे समय तक बैठते हैं। यहां लगभग हर रोज नए झंडे लगाए जाते हैं। पास में, लगभग हर दिन अंतिम संस्कार होते हैं, जिसके बाद कुछ क्षण का मौन रखा जाता है। राहगीर रुकते हैं, घुटने टेकते हैं और श्रद्धा से कुछ पल उस स्थान को देखते हैं।

इन सबके साथ राजधानी कीव में जीवन अपनी रफ्तार से चल रहा है।

एपी वैभव मनीषा

मनीषा