कोरिया। महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण देखना है तो कोरिया जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र जनकपुर के कोरिया महिला गृह उद्योग में जाकर देखा जा सकता है। महिलाओं के उत्थान के लिए पिछले 21 वर्षों से यह उद्योग काम कर रहा हैं। इसकी स्थापना करने वाली उद्योग की अध्यक्ष नीलिमा चतुर्वेदी आज जिले और प्रदेश ही नही वरन देश में महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं।
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1992 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के तौर पर नीलिमा को नौकरी मिली। अपने बच्चों को संभालते हुए उन्होंने नौकरी शुरू की। नीलिमा को लगने लगा कि शायद अब उनका जीवन आसान हो जाएगा। नौकरी शुरू करने के सात साल बाद स्वयं सहायता समूह गठन करने की योजना आई। महिलाओं को इतने बड़े समूह में संगठित होकर काम करता देख एक अलग पहचान देने का फैसला जिला प्रशासन ने किया।
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दो हजार ग्यारह में तत्कालीन कलेक्टर ऋतु सेन ने कोरिया महिला गृह उद्योग की नींव रखी और नीलिमा को पूरे कोरिया में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए कहा। नीलिमा पूरे जिले से इस प्रोग्राम के लिए स्व सहायता समूह बनाने में कामयाब रहीं। इन समूहों के ज़रिए उन्होंने हजारों महिलाओं को रोज़गार से जोड़ा। कोरिया महिला गृह उद्योग के उत्पादों की बिक्री के लिए जिले में ‘कोरिया गृह उद्योग’ नाम से दुकान खोली गईं हैं। इन दुकानों को चलाने के लिए प्राथमिकता भी महिलाओं को ही दी गयी। इन समूहों से जुड़ी महिलाएं आज महीने के 5 से 6 हज़ार रुपये कमा रही हैं। अब वे किसी पर भी अपनी ज़रूरतों के लिए निर्भर नहीं हैं।
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नीलिमा ने महिलाओं को रोजगार से जोड़े रखा, साथ ही उन्होंने सरकार के साक्षरता और स्वच्छता प्रोग्राम को भी गाँव-गाँव पहुंचाने में मदद की। 56 वर्षीय नीलिमा को सबसे पहले आईबीसी 24 ने अपने कार्यक्रम विहान सम्मान में सम्मानित किया । इसके बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मिनीमाता सम्मान से और नीति आयोग ने वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड 2018 से सम्मानित किया। इसके अलावा महिलाओं के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं व जिला प्रशासन ने भी कई बार नीलिमा को महिला सशक्तिकरण के लिए सम्मानित किया है।
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