छिंदवाड़ा (मप्र), 13 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कमलेश शाह ने शनिवार को मध्यप्रदेश के अमरवाड़ा (एसटी) विधानसभा उपचुनाव में 21 चक्र की मतगणना के बाद अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के धीरन शाह इनवती को 3,027 मतों के अंतर से हरा दिया।
एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि शाह को 83,105 वोट मिले, जबकि इनवती को 80,078 मत मिले।
यह 16 साल बाद है जब भाजपा ने अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव (उपचुनाव) जीता है। यहां इससे पहले 2008 में भाजपा के प्रेमनारायण ठाकुर ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के मनमोहन शाह भाटी को 437 मतों के मामूली अंतर से हराया था।
संयोग से, कमलेश शाह की तरह ठाकुर भी कांग्रेस से दलबदल कर भाजपा में आए थे।
जीत की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि लोगों ने भाजपा सरकार की ‘भरोसे की गारंटी’ में अपना विश्वास जताया है।
हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा की मामूली अंतर से जीत को उसकी ‘नैतिक हार’ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि इस उपचुनाव में राज्य मशीनरी और धन का दुरुपयोग किया गया।
अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जो कांग्रेस नेता कमलनाथ का गढ़ रहा है। यह लोकसभा सीट भाजपा ने हाल में लोकसभा चुनाव में उनके बेटे नकुलनाथ से छीन ली।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के देवरामन भलावी 21वें चक्र तक की मतगणना के बाद 28,638 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
चुनाव अधिकारी ने कहा कि एक ‘बूथ’ पर ईवीएम में खराबी के बाद 21वें चक्र में ‘वोटर वेरिफिकेशन पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी)’ की मदद से 478 वोटों की गिनती की गई।
दिलचस्प बात यह है कि 17वें चक्र के अंत तक इनवती ने भाजपा को शुरुआत में कुछ परेशान किया, क्योंकि उन्होंने शाह पर बढ़त बना ली थी। फिर भी, भाजपा उम्मीदवार ने आखिरी तीन राउंड में बाजी पलट दी।
गौरतलब है कि शाह कांग्रेस से आए हैं और वह 29 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके कारण उपचुनाव की जरूरत पड़ी। भाजपा में शामिल होने से पहले वह तीन बार अमरवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
हाल में मिली जीत के साथ भाजपा ने इस निर्वाचन क्षेत्र में 1972, 1990, 2008 और 2024 में चार बार जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने नौ बार इसका प्रतिनिधित्व किया है। जीजीपी ने 2003 में यह सीट जीती थी।
इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई थी, क्योंकि छिंदवाड़ा जिले को हाल तक कमलनाथ का गढ़ माना जाता था।
हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विवेक बंटी साहू ने कमलनाथ के बेटे और मौजूदा सांसद नकुलनाथ को हराकर छिंदवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र पर कब्जा किया था।
उपचुनाव में जीत के साथ ही 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या बढ़कर 163 हो गई है। कांग्रेस के पास 63 और भारत आदिवासी पार्टी के पास एक विधायक हैं, जबकि तीन सीट खाली हैं।
मुख्यमंत्री यादव ने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘ मुझे खुशी है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीतने के बाद हमने विधानसभा उपचुनाव में भी जीत हासिल की। लोगों ने भाजपा के साथ अपने संबंधों को दर्शाते हुए विश्वास की गारंटी पर भरोसा जताया। अमरवाड़ा में इस जीत के लिए मैं मध्यप्रदेश की जनता को हार्दिक बधाई देता हूं।’
पटवारी ने चुनावी नतीज को ‘स्वस्थ लोकतंत्र पर प्रबंधन की जीत’ करार दिया।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस के वोटों को विभाजित करने के लिए अमरवाड़ा में जीजीपी के उम्मीदवार को खड़ा किया।
उपचुनाव के नतीजे की घोषणा के बाद भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय में जश्न मनाया गया, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने ढ़ोल की थाप पर नृत्य किया और मिठाइयां बांटी।
चूंकि मुख्यमंत्री यादव मुंबई में हैं, इसलिए उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला भाजपा कार्यालय पहुंचे और जश्न में शामिल हुए।
भाषा दिमो
राजकुमार
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