नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्‍मांडा की पूजा की जाती है। 

मां कूष्‍मांडा को पीले फल, फूल, वस्‍त्र, मिठाई और मालपुआ सबसे प्रिय है। 

 मां कुष्मांडा को उतनी हरी इलायची अर्पित करें जितनी कि आपकी उम्र है।  

 मां कूष्मांडा की पूजा से जीवन में खुशहाली आती है और हर कष्ट से मुक्ति मिलती है।

माना जाता है कि मां कूष्मांडा सूर्य के घेरे में रहती हैं और उनमें सूर्य की तपिश को सहन करने की शक्ति है।

मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं जिसमें उन्होंने कमंडल, कलश, सुदर्शन चक्र, गदा, धनुष, बाण और अक्षमाला धारण किए हुए हैं।

मां कूष्मांडा की पूजा से जीवन में खुशहाली आती है और हर कष्ट से मुक्ति मिलती है।