रथ पर महाप्रभु की एक झलक के लिए उमड़ी अनगिनत श्रद्धालुओं की भीड़
दीनबंधु श्री जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए देश-विदेश से आए भक्तों की श्रीक्षेत्र में भीड़ उमड़ रही है।
अणसर गृह में 14 दिनों तक एकांत वास के बाद श्री जगन्नाथ, प्रभु बलभद्र और देवी सुभद्रा ने सोमवार सुबह 9 बजे से 11 बजे तक अनगिनत भक्तों को नवजौबन रूप में दर्शन दिया।
दिन ढलने के साथ महाप्रभु को बड़दांड में रथ पर बैठै देखने के लिए भक्तों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है।
न केवल ओड़िशा में बल्कि छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में रथयात्रा की जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं।
श्रीक्षेत्र में रथ तो सज चुका है, साथ ही सुरक्षा के भी तमाम इंतजाम किए गए हैं और अब श्रद्धालुओं को केवल रथयात्रा की सुबह की प्रतीक्षा है।
श्री मंदिर के तीन बड़ पंडा से आज्ञा माला (सहमति की दिव्य-माला) प्राप्त करने के बाद ही तीनों रथ को प्रांगण से श्री मंदिर के सामने लाया जाता है।
रथयात्रा आरम्भ होने से पहले छेरा-पहरा की रस्म होती है, जिसमें पुरी के गजपति राजा गंगा जल छिड़कने के बाद सोने के झाड़ू से यात्रा मार्ग को साफ करते हैं।
इसके बाद पहंडी की प्रथा होती है, जिसमें त्रिमूर्ति रथ में बैठ श्री मंदिर छोड़ कर नौ दिनों के लिए गुंडिचा मंदिर चले जाते हैं। इसी को रथयात्रा कहते हैं।