राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम राष्ट्रीय महिला अधिनियम आयोग का उद्देश्य महिलाओं की स्थिति में सुधार करना है और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए काम करना है।
महिला सुरक्षा कानून
निर्भया केस के बाद इस कानून में बदलाव किए गए। अब अपराधी की उम्र 16 से 18 साल के बीच है, तो उसे भी सख्त सजा सुनाई जा सकती है।
पॉक्सो एक्ट कानून
इसके तहत बच्चों के साथ होने वाला यौन शोषण एक अपराध है। यह कानून 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियों, दोनों पर लागू होता है।
दहेज निषेध अधिनियम, 1961
इस के अनुसार, शादी के समय दुल्हा या दुल्हन या फिर उनके परिवार को दहेज देना दंडनीयअपराध है।इस अधिनियम के बाद महिलाएं खुलकर शिकायत दर्ज कर सकती हैं।
भारतीय तलाक अधिनियम, 1969
भारतीय तलाक अधिनियम के तहत न सिर्फ महिला बल्कि पुरुष भी विवाह को खत्म कर सकते हैं। पारिवारिक न्यायालय ऐसे मामलों को दर्ज करने, सुनने और निपटाने के लिए स्थापित किए गए हैं।
मैटरनिटी लाभ अधिनियम, 1861
यह अधिनियम महिलाओं के रोजगार और कानून द्वारा अनिवार्य मातृत्व लाभ को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत हर कामकाजी महिला को छह महीने के लिए मैटरनिटी लीव मिलती है।
कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ उत्पीड़नयौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाली शारीरिक उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न से सुरक्षा मिलती है। इसके लिए पॉश कमेटी गठित की गई।
समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976
यह अधिनियम 8 मार्च 1976 में पास हुआ था।इस अधियनियम के तहत एक ही तरह के काम के लिए महिला और पुरुष दोनों को मेहनताना भी एक जैसा ही मिलना चाहिए।
महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (रोकथाम) अधिनियम, 1986यह अधिनियम विज्ञापन के माध्यम से या प्रकाशनों, लेखन, चित्रों, आकृतियों या किसी अन्य तरीके से महिलाओं के अशोभनीय प्रतिनिधित्व पर रोक लगाता है।