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क्या है ग्रीन डायमंड की कहानी

पीएम मोदी ने फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन को इकोफ्रेंडली डायमंड गिफ्ट किया ।

यह डायमंड खास है। 7.5 कैरेट वाले इस इको फ्रेंडली डायमंड को लैब में तैयार किया गया है।

सवाल यह  है कि इसे ग्रीन डायमंड क्यों कहा गया है, इसे कैसे तैयार किया जाता है।

आमतौर पर एक हीरा, जमीन में कई किलोमीटर की गहराई में बनता है।

लैब में बनने वाले हीरे और सामान्य हीरे में फर्क कर पाना मुश्किल होता है। यही वजह है कि इसे आर्टिफिशियल डायमंड कहते है।

लैब में एक हीरे को बनने में करीब 20 से 30 दिन का समय लगता है।

वर्तमान में देश में ऐसे हीरों की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही है। इन्हें गुजरात में तैयार किया जा रहा है।

इसे तैयार करने में पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। यही वजह है कि इसे इकोफ्रेंडली या ग्रीन डायमंड कहते है।