चाँद (चन्द्रमा) हमारे पृथ्वी (धरती) से लगभग 3,84,403 किलोमीटर व 238857 मील की दुरी पर स्थित है।
चन्द्रमा (चाँद) धरती के चारों ओर चक्कर लगाता रहता है, जिस कारण व कभी धरती के पास व कभी दूर हो जाता है। इसीलिए चन्द्रमा व पृथ्वी के बीच की दुरी हमेशा एक समान नहीं होती है।
चंद्र के वजन की यदि बात की जाय तो यह लगभग 81 अरब तन है। चन्द्रमा लगातार धरती के चक्कर लगाता रहता है, और चन्द्रमा का खुद का प्रकाश नहीं है, यह केवल सूर्य की रोशनी से चमकता रहता है।
रात को लगने वाली चन्द्रमा की रोशनी इसकी स्वयं की नहीं होती है, बल्कि सूर्य की होती है। चाँद केवल रात के अँधेरे में दिखाई देता है। जबकि दिन में भी कहीं बार रहता है लेकिन सूर्य की रौशनी तेज होने के कारण यह दिखाई नहीं पड़ता है।
चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पूरी तरह से धरती आने पर चंद्र ग्रहण (अमावस्या) लगता है, जबकि सूर्य और पृथ्वी के बीच पूरी तरह चन्द्रमा आने पर सूर्य ग्रहण (पूर्णिमा) होती है।
चाँद की रोशनी पूर्णिमा के दिन काफी तेज होती है, यह अन्य दिनों की अपेक्षा लगभग 9 गुना अधिक होती है।
चंद्रमाँ (चाँद) का केवल 59% हिस्सा ही हमेशा दिखाई देता है, जबकि बाकि पर हमेशा रात रहती है।चाँद के रोशनी वाले हिस्से का अधिकतम तापमान लगभग 180 डिग्री सेल्सियस एवं अँधेरे वाले भाग का लगभग -153 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है।
चन्द्रमा पर उतरने वाले पहले दुनिया के पहले व्यक्ति नील आर्म स्ट्रांग थे। जो 1969 में चाँद पर उतरे थे।