सेंट्रल विस्टा क्षेत्र 3.2 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक स्थित है।
यह क्षेत्र दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस इलाके की कहानी 1911 से शुरू होती है।
इस क्षेत्र की स्थापना अंग्रेजों के शासन के दौरान हुई थी, जबकि उस समय कलकत्ता भारत की राजधानी थी।
दिसंबर 1911 में, किंग जॉर्ज पंचम ने कलकत्ता को छोड़कर दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया।
सेंट्रल विस्टा क्षेत्र का निर्माण एडविन लूटियंस और हर्बर्ट बेकर ने किया।
ये इमारतें वॉशिंगटन के कैपिटल कॉम्प्लेक्स और पेरिस के शान्स एलिजे से प्रेरित थीं।
राष्ट्रपति भवन, संसद, वाणिज्य भवन, रेल भवन, वायु भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, जवाहर भवन, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA) आदि इस क्षेत्र में स्थित हैं।
सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को विकसित करने के लिए री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहा है।
इस प्रोजेक्ट के तहत कुछ इमारतें अन्य कामों में इस्तेमाल की जाएंगी, कुछ को रिनोवेट किया जाएगा और कुछ नई इमारतें बनाई जाएंगी।
सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को राष्ट्र-बिल्डिंग प्रोग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जिसका उद्देश्य भारतीय संविधानिक संस्थाओं को एक मानवीय मंच प्रदान करना है।