सप्ताह के प्रत्येक दिवस को वार के रूप में जाना जाता है। वार पंचांग के गठन में अगली कड़ी मानी जाती है। एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के समय के अंतर को 'वार' या दिवस कहा जाता है।
प्रत्येक दिन या वार का एक देवता निर्धारित होता है। दिवस के अनुसार देव पूजा और यात्रा करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। आगे कौन सा दिन किस कार्य के लिए शुभ इस बारे में जानेंगे।
रविवार हिंदू पंचांग में सप्ताह का यह पहला वार है। रविवार का दिन भगवान सूर्य का आधिपत्य होता है। कहा जाता है कि इस दिन न्यायिक व चिकित्सीय सलाह लेना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन पूजा, यज्ञ, मंत्रोपदेश करवाना श्रेष्ठ है।
सोमवार इसे पंचांग का दूसरा वार कहा जाता है। यह दिन भगवान महादेव का है। यह वार यात्रा के लिए भी शुभ माना गया है। लेकिन दिशा के अनुसार इसके फल परिवर्तित होते रहते हैं। जातक कोई नया कार्य शुरू करने जा रहा है तो यह वार शुभ है।
मंगलवार सप्ताह का तीसरा वार मंगलवार, हनुमान जी व मंगलदेव का दिन माना जाता है। इस वार को व्रत करने पर जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं।
बुधवार सप्ताह के इस वार को ऋण देना अहितकर हो सकता है तथा शिक्षा-दीक्षा के लिए यह दिन शुभ है। क्योंकि इस वार के स्वामी देव श्री गणेश हैं। बुधवार का दिन राजनीतिक विचार के लिए शुभ है।
गुरुवार यह वार भगवान विष्णु और बृहस्पतिदेव का माना जाता है। गुरूवार का दिन व्रत, पूजा, कथा, दान करने पर विशेष फल प्राप्त होता है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
शुक्रवार वैदिक हिंदू पंचांग में छठवे दिन देवी आदिशक्ति की आराधना करने से सभी कष्टों से जातकों को मुक्ति मिलती है। शुक्रवार के दिन समाज से जुड़े कार्य करने पर ख्याति प्राप्त होती है।
शनिवार सप्ताह का यह अंतिम वार देव शनि महाराज का हैं। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से विशेष फल मिलता है। साथ ही शनिदेव भी जातक पर अपनी कृपा दृष्टि बनाते हैं। इस दिन नये घर में गृहप्रवेश करना बहुत ही शुभ होता है।