भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ध्यान रखें ये सावन सोमवार के नियम। 

भारतीय पौराणिक धर्म कथाओं के अनुसार हिंदू धर्म में सावन के महीने को  बहुत ही पवित्र माना जाता है। 

सावन मास  संपूर्ण  रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए विश्व प्रचलित है।

स्वयं भगवान शिव जी ने सनत्कुमार जी से कहा है कि उन्हें सबसे अधिक सावन का महीना   प्रिय है। 

सावन मास इस साल 4 जुलाई से आरंभ हो रहा है और 31 अगस्‍त को समाप्‍त होगा। मलमास होने की वजह से इस साल सावन कुल 59 दिनों का होगा।  

भक्‍तों को इस बार व्रत करने के लिए कुल 8 सोमवार प्राप्‍त होंगे।सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा और अंतिम सोमवार 28 अगस्‍त को रहेगा। 

सावन सोमवार पर व्रती सुबह शिवलिंग पर जलाभिषेक करके व्रत का आरंभ करते हैं और फिर पूरे दिन व्रत करते हैं।भगवान शिव जी का रुद्राभिषेक करने से इच्छित मनोकामना की पूर्ति होती

 शाम के वक्‍त प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करने का महत्‍व सबसे खास माना गया है। पहले सोमवार पर संध्या पूजन  का शुभ महूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है। 

मान्‍यता है कि शाम के वक्‍त में रुद्राभिषेक करने से शिवजी अपने भक्तों के सभी कष्‍टों को दूर करते हैं।

आर्थिक कष्‍ट दूर करने के लिए सावन के सोमवार को शमी के पेड़ की जड़ शिवलिंग पर अर्पित करें और फिर उसे अपनी तिजोरी में लाकर रख दें।

 व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजन के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है।

व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।व्रत के दौरान फलहार का सेवन किया जा सकता है पर अन्न का सेवन नहीं कर सकते