बलरामपुर जिले के झारखंड सरहद से लगा गांव चुनचुना आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है ।
नक्सल प्रभावित रहे इस गांव में न तो सड़क है न बिजली और न ही पानी की कोई सुविधा, इस गांव में बच्चों के लिए स्कूल तक नहीं है ।
जिला मुख्यालय बलरामपुर से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव चुनचुना, इसकी सीमा झारखंड प्रदेश से लगती है ।
नक्सलियों का गढ़ कहा जाने वाला बूढ़ा पहाड़ भी यही स्थित है। पूरे 12 महीने पुलिस की मौजूदगी यहां रहती है और आज भी यहां के लोग नक्सली खौफ में जी रहे है।
लगभग 8 साल पहले प्रशासन ने सड़क बनाने का काम तो शुरू किया था, लेकिन वह आज तक अधूरा है। गांव में सोलर की लाइटें जलती जरूर है, लेकिन रात के समय वह भी अंधेरे में सिमट जाती हैं।
सालों पहले गांव में कई सरकारी काम स्वीकृत हुए थे। भवन आधा अधूरा बना और वैसे ही पड़ा रह गया। गांव में लगभग आधा दर्जन सरकारी भवन अधूरे पड़े है।
अभी तक 2 बार प्रशासन की टीम यहां पहुंची है और जन चौपाल लगाया है।चौपाल में भी ग्रामीण यही परेशानी उनके सामने रखते हैं कि गांव में मूलभूत सुविधाएं पहुंचे।
कलेक्टर ने कहा कि उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द यहां सुविधाओं का विस्तार हो, वहीं सामरी विधायक चिंतामणि महाराज ने भी स्वीकार किया कि यह इलाका मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है।