देश का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली का सभी देशवासियों को बेसर्बा से इंतजार रहता है।
दिवाली पांच दिनों की होती है, जिसमें पहला दिन धनतेरस, दूसरा दिन नरक चौदस, तीसरा दिन लक्ष्मी पूजा, चौथा दिन गोवर्धन पूजा और पांच दिन भाई दूज का होता है।
किसी भी पूजा में सबसे अहम पूजा की थाली होती है। दिवाली पूजा के लिए भी कुछ सामान आपकी पूजा थाली में जरूर होने चाहिए।
पूजा की थाली में कुमकुम, अक्षत, धूप-दीप, फूल, मिष्ठान आदि रखे जाते हैं. आप चाहें तो थाली में छोटी-छोटी कटोरियां रख सकती हैं, जिनमें यह सामान रखा होने से थाली बिखरी हुई नहीं लगेगी।
थाली में सिंदूर से स्वस्तिक चिह्न बनाने के बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की मूर्तियों को रख कर उन्हें धूप-दीप दिखाकर पूजने का रिवाज है।
मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति के पास चांदी का सिक्का अवश्य रखें और उसकी भी पूजा करें।
थाली में खील-बताशे और पंचामृत भी रखना आवश्यक है। ध्यान रहे कि दिवाली पर बनने वाले पंचामृत में तुलसी नहीं होनी चाहिए।
एक शुद्ध घी का दीपक लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति के आगे जलाया जाता है।