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जीवनदायिनी 'तांदुला नदी' का अस्तित्व खतरे में
बालोद जिला मुख्यालय से लगे तांदुला नदी, जो कि सबसे बड़ी नदी है और इसे जीवनदायिनी नदी के नाम से जाना जाता है।
समुचित देख रेख के अभाव में यह नदी का एक बहुत बड़ा हिस्सा जल कुंभ्भियो, गंदगी व घास फूंस से पट चुका है।
इस तांदुला नदी की साफ-सफाई व इसके पानी को लेकर अब कई सवाल सीने ताने खड़ा है।
बालोद नगर सहित नदी के आसपास बसे गांवो के लिए यह तांदुला नदी बेहद महत्वपूर्ण नदी है।
नदी के पानी का उपयोग ज्यादातर लोग निस्तारी के लिये करते है और इस नदी का महत्व लोगों के लिये कई सालों से है।
यह नदी धीरे-धीरे जिम्मेदार लोगों की उपेक्षा का शिकार हो गया है, जिसके चलते ज्यादातर हिस्सा जल कुंभ्भियो व गंदगी से पट गया है।
इस दिशा में लोगों ने समय समय पर आवाज उठाई, लेकिन कोई ठोस व स्थाई हल नहीं मिल पाया।
हालांकि कुछ साल पूर्व इस नदी की सफाई की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे फिर इस नदी का हाल बेहाल हो गया।
पहले इस नदी में पानी भरपूर रहता था और साफ-सफाई भी रहता था, लेकिन अब वैसी स्थिति नही है।
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