पंजाब रेजिमेंट के जवान हरभजन सिंह की आत्मा पिछले 52 सालों से देश की सीमा की रक्षा कर रही है।
सैनिकों का कहना है की हरभजन सिंह की आत्मा, चीन की तरफ से होने वाले खतरे के बारे में पहले से ही उन्हें बता देती है
बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में उनकी तस्वीर के साथ उनके जूते और बाकी सामान रखे गए हैं। भारतीय सेना के जवान इस मंदिर की चौकीदारी करते हैं।
चार अक्टूबर 1968 को खच्चरों का काफिला ले जाते समय नाथुला पास के समीप उनका पैर फिसल गया और घाटी में गिरने से उनकी मौत हो गई।
भारतीय सेना और लोगों का ऐसा मानना है कि आज भी बाबा हरभजन सिंह की यहां सूक्ष्म उपस्थिति है और वे देश की सरहद की रक्षा करते हैं।