प्रोटीन और फाइबर से भरपूर भुने चने सर्दियों के सुपरफूड्स में शामिल हैं। चने में मौजूद इन दो पोषक तत्वों की हमारी बॉडी को सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
प्रोटीन कोशिकाओं के निर्माण के साथ ही उन्हें रिपेयर करने का काम करता है, तो वहीं फाइबर पाचन सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी होता है।
इसके अलावा चने की तासीर भी गर्म होती है। सर्दियों में खासतौर से ऐसे फूड्स का सेवन करना चाहिए।भुने चने में फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं और इसमें फैट की मात्रा काफी कम होती है।
काले चने में काबुली चने की तुलना में प्रोटीन और फाइबर दोनों ही ज्यादा मात्रा में होते हैं। साथ ही इनमें आयरन, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट की भी मात्रा अधिक होती हैं।
भुने चने में फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है, जो पाचन के लिए बहुत ही जरूरी है। इसे खाने से कब्ज, गैस, पेट दर्द जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
भुने चने में आयरन भी होता है, जो एनीमिया की समस्या दूर करने में फायदेमंद होता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को तो खासतौर से भुने चने का सेवन करना चाहिए।
शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा हार्ट से जुड़ी बीमारियों को दावत देती है। भुने चने खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है। जिससे हार्ट हेल्दी रहता है।
भुने चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। साथ ही इसमें फाइबर व प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मददगार होते हैं।
लेकिन कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की बात करें, तो ये काबुली चने में कम होता है, लेकिन सीमित मात्रा में किसी भी चने को खाने से फायदे ही मिलेंगे किसी तरह का नुकसान होने की संभावना कम ही होती है।