जलसंकट से हालात ऐसे बन रहे है कि कोई अपनी लड़की इस ग्राम में ब्याहना नहीं चाहता। लोग बाइक पर पानी की केन भरकर ले जाते हैं, लेकिन पेट्रोल के बढ़ते भावों से रोज रोज पानी लाने, ले जाने में ग्रामीणों के घर का बजट बिगड़ रहा है।
हर वर्ष इस तरह कि परेशानीयां सामने आने के बावजुद जिम्मेदार ग्रामीणों की परेशानियों से अनभिज्ञ है। जवाबदारों के गैरजिम्मेदारानां रूख से अब तक इस तरफ कोई योजना बन पाई हैा यह हालात सरकार और प्रशासन के दावो की पोल खोलते हैं।