राम नवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था.
इसी दिन रावण के अत्याचारों को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने भगवान राम के रूप में अवतार लिया था. भगवान राम विष्णु जी के सातवें अवतार हैं।
भगवान राम के जन्म के समय सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह का विशेष योग बना था. उस समय सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र और शनि अपनी-अपनी उच्च राशि में मौजूद थे।
रामनवमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई के जीत का भी प्रतीक है. हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है. देशभर के राम भक्त इस दिन धूमधाम से विधिवत रूप से भगवान राम की पूजा करते हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
अयोध्या के राम मंदिर में भी राम नवमी के अवसर पर लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं. दिल्ली के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतारे लग गई हैं।
रामनवमी पर श्रद्धालुओ की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 15 अप्रैल रामनवमी यानी से 17 अप्रैल तक श्री राम मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा.
इस दिन सरयू नदी में स्नान करके लोग पुण्य लाभ अर्जित करते हैं, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सुबह से ही लोग गंगा किनारे घाटों पर स्नान करने पहुंच रहे हैं.
सूर्य तिलक प्रोजेक्ट के तहत हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा.
इसके लिए मंदिर ट्रस्ट की ओर से करीब 100 एलईडी और सरकार की ओर से 50 एलईडी लगाई गई है. इसमें रामनवमी समारोह का प्रसारण किया जाएगा.