वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के आश्रम में लोग दूर-दूर से अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। ऐसे ही प्रेम में धोखा खाए एक शख्स उनके दरबार में आया।
उस शख्स ने बताया, 'मैंने एक लड़की से प्यार किया किंतु उसने मुझे धोखा दिया और किसी दूसरे का हाथ पकड़ लिया। मैं बदले की आग में जल रहा हूं।'
इसपर प्रेमानंद महाराज बोले, 'बदला लेना ठीक नहीं है, इसे सहन करो और अपनी गलती स्वीकार करो कि बिना जांचे-परखे प्रेम कर बैठे।'
महाराज ने कहा 'बदला लेने की भावना से जिंदगी बर्बाद हो जाएगी, जेल भोगोगे, नरक जाओगे, मन को शांत रखो, जीवन में आगे इससे अच्छा जीवन साथी मिल जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'प्रेम करने से पहले व्यक्ति का स्वभाव देखो। क्या वो सच में तुम्हें प्यार करता है या शोषण करना चाहता है। जल्दबाजी में कभी कोई फैसला न लें।'
'जब भी कोई व्यक्ति जल्दबाजी दिखाने लगे तो समझ लो वो प्यार नहीं करता है। बल्कि उस पर वासना का भूत सवार है, फिर चाहे वो लड़की हो या लड़का।'
'प्रेम के लिए किसी एक को चुनो और सारा जीवन उसके साथ बिताने का संकल्प करो तब आपका प्रेम पवित्र और स्वीकार्य माना जाएगा।'
'आज तुम, कल कोई और फिर परसों कोई दूसरा, यह प्रेम नहीं बल्कि वासना है, पराए मर्द या स्त्री से संबंध रखना शास्त्रों में पाप माना जाता है।'