आश्रम में हर दिन सुबह 9:30 बजे महाराज के शिष्यों की तरफ़ से टोकन दिए जाते हैं। इन टोकन की मदद से अगले दिन महाराज के दर्शन किए जा सकते हैं।
अकेले में बातचीत के लिए टोकन मिलने पर, अगले दिन सुबह 6:30 बजे आश्रम पहुंचना होता है। इसके बाद करीब एक घंटे तक महाराज से बातचीत की जा सकती है।
प्रेमानंद महाराज रोज़ सुबह दो बजे उठकर परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा के बाद, सुबह करीब साढ़े चार बजे से साढ़े पांच बजे तक भक्तों के साथ सत्संग करते हैं।
प्रेमानंद महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था।
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