ज्ञान मुद्राज्ञान मुद्रा का उद्देश्य आपकी एकाग्रता में सुधार करना और आपकी याददाश्त को तेज करना है।
बुद्धि मुद्राइस मुद्रा का प्रयोग मानसिक स्पष्टता के लिए किया जाता है।
शुनि (या शून्य) मुद्राइस भाव का उपयोग अंतर्ज्ञान, सतर्कता और संवेदी शक्तियों को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। यह आपकी भावनाओं और विचारों को भी शुद्ध करता है।
प्राण मुद्रायह मुद्रा आपके व्यक्तिगत प्राण को जागृत और जीवंत बनाने में मदद करेगी, और आपको अपने आस-पास के प्राण के साथ और अधिक तालमेल में लाएगी।
ध्यान मुद्राइस मुद्रा का महत्व आपको अधिक गहरी, अधिक गहन एकाग्रता में लाना है।
सूर्य मुद्रासूर्य मुद्रा का उद्देश्य शरीर में सौर/अग्नि तत्व को बढ़ाना और चयापचय और पाचन में सुधार करना है।
अपान मुद्राअपान मुद्रा मानसिक या शारीरिक पाचन और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए अच्छी है।
गणेश मुद्राइस मुद्रा को करते हुए, आप अपना ध्यान और ऊर्जा हृदय केंद्र में लाते हैं, अपने फेफड़ों और हृदय को अपने ध्यान के विषय के लिए खोलते हैं।
रूद्र मुद्रायह मुद्रा अक्सर शिव से जुड़ी होती है क्योंकि यह आपकी आंतरिक परिवर्तनकारी क्षमताओं पर लागू होती है।
वायु मुद्रावायु मुद्रा वायु असंतुलन से संबंधित बीमारियों, जैसे गैस से संबंधित दर्द, पेट फूलना, जोड़ों का दर्द, सूजन और पेट की परेशानी के लिए अच्छी है।