धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहली बार भगवान परशुराम गढ़मुक्तेशर के जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया था। उसके बाद से ही कावड़ यात्रा की शुरुआत हुई थी। एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विष ग्रहण किया था, जिससे उनके शरीर में जलन हो गई थी, इसलिए भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है।