हिन्दू धर्म में मंत्रोच्चार का बहुत महत्व माना गया है। सनातन परंपरा में जितने भी मंत्र हैं उन सभी का न सिर्फ अपना एक महत्व है बल्कि उन सभी से मिलने वाले कई लाभ भी हैं।
भगवान शिव के इस मंत्र को पंचाक्षर मंत्र भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र में पंच तत्व समाहित हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के प्रथम अक्षर 'ॐ' से ही सूर्य का निर्माण हुआ है। साथ ही, ॐ अक्षर भगवान शिव का प्रिय भी है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र जपने से व्यक्ति में तेज उत्पन्न होता है। जो भी व्यक्ति ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करता है उसके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है तथा उस व्यक्ति की हर नकारात्मकता से रक्षा करते हैं और उसके जीवन में खुशियां लेकर आते हैं।
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करने से भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य देव की कृपा भी होती है। सूर्य का आशीर्वाद मिलता है।
इस मंत्र के जाप से काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद आदि सब खत्म हो जाते हैं।